मुंबई: मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के खिलाफ मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में रंगदारी का मामला दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता एक व्यवसायी है। मुंबई पुलिस के अनुसार दर्ज करवायी गई एफआइआर में कुल आठ लोगों के नाम हैं, जिनमें से छह पुलिसकर्मी शामिल हैं। इस मामले में पुलिस ने अब तक दो नागरिकों को गिरफ्तार किया है।
गौरतलब है कि भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे परमबीर सिंह के खिलाफ एक और मामले में भी कार्रवाई हो सकती है। परमबीर सिंह पर ठाणे में पुलिस प्रमुख रहते समय मालाबारी हिल्स इलाके में आधिकारिक अपार्टमेंट में रहने पर उसका किराया न चुकाने का भी आरोप है। ये राशि अब लाखों में पहुंच गई है। मिली जानकारी के अनुसार परमबीर सिंह 18 मार्च 2015 को ठाणे का पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया था। इससे पूर्व वह मुंबई में स्पेशल रिजर्व पुलिस फोर्स के एडिशनल डीजीपी थे। परमबीर सिंह को मालाबार हिल्स के नीलिमा अपार्टमेंट में आवास उपलब्ध करवाया गया था। लेकिन ठाणे में पोस्टिंग होने के बाद भी उन्होंने अपार्टमेंट खाली नहीं किया। 17 मार्च, 2015 से 29 जुलाई 2018 तक किराये और पेनाल्टी को जोड़कर उनके ऊपर 54.10 लाख रुपये बकाया था। इसमें परमबीर सिंह 29.43 लाख रुपये अदा कर चुके हैं। 24.66 लाख रुपये अभी भी उन पर बकाया है।
बता दें कि पोस्टिंग अवधि समाप्त होने के बाद 15 दिन के भीतर सरकारी आवास में रहने की छूट दी जाती है इस दौरान सरकार लाइसेंस फीस वसूलती है। लेकिन समय पर आवास न खाली करने पर किराये के साथ पेनल्टी भी देनी होती है। परमबीर सिंह और महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख के बीच विवाद होने से पहले परमबीर सिंह ने अपनी बकाया माफ करने की अपील की थी। दरअसल उनके परिवार को मुंबई में रहने के लिए जगह चाहिए थी।