नई दिल्ली:पंजाब पुलिस ने आर्मी के 2 जवानों को जासूसी के आरोप में गिफ्तार किया है। आरोप है कि यह दोनों जवान पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करते थे। यह भी आरोप है कि इन दोनों ने मिलकर करीब 900 गोपनीय दस्तावेजों की तस्वीरें बॉर्डर पर मौजूद ड्रग तस्करों को मुहैया कराया है। इन्हीं तस्करों ने यह महत्वपूर्ण दस्तावेज पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी तक पहुंचाया। इस मामले में गिरफ्तार किये गये आरोपियों की पहचान 23 साल के हरप्रीत सिंह और 23 साल के गुरबेज सिंह के तौर पर हुई है। हरप्रीत सिंह जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग में पदस्थापित है और वो 19 राष्ट्रीय रायफल्स से ताल्लुक रखता है।
वहीं गुरबेज सिंह के बारे में बताया जा रहा है कि वो 18 सिख लाइट इन्फ्रैंट्री से ताल्लुक रखता है और फिलहाल करगिल में बतौर क्लर्क काम कर रहा था। पंजाब के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस, दिनकर गुप्ता ने मीडिया को जानकारी दी है कि इन दोनों आरोपियों ने पहले ही 900 गोपनीय दस्तावेज सीमा के पास मौजूद ड्रग तस्करों को दिया है। फरवरी 2021 से लेकर मई 2021 तक इन चार महीनों में इन्होंने इस करतूत को अंजाम दिया। इनकी वजह से देश की सुरक्षा को खतरा बढ़ा है। जिन तस्करों को इन्होंने यह दस्तावेज दिये थे उन्होंने उसे पाकिस्तान के खुफिया अधिकारियों को सौंप दिया है।
पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवीन सिंगला NDPS से जुड़े मामले की जांच कर रहे थे। इस दौरान 24 मई को 70 ग्राम हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया गया था। इसी रणवीर सिंह के पास से पुलिस ने भारतीय आर्मी से जुड़े कई अहम दस्तावेज बरामद किये थे। पूछताछ के दौरान रणवीर सिंह ने बताया था कि उसे यह कागजात उसके दोस्त हरप्रीत सिंह ने दिये हैं। हरप्रीत और रणवीर सिंह एक ही गांव के रहने वाले हैं।
डीजीपी का कहना है कि रणवीर ने ही हरप्रीत सिंह को पैसों का लालच देकर गोपनीय दस्तावेज लीक करने के लिए राजी किया। उसने सुरक्षा से जुड़े कई दस्तावेज हरप्रीत सिंह से लिये। इसके बाद देश के खिलाफ जासूसी करने के इस काम में हरप्रीत ने अपने एक अन्य दोस्त गुरबेज सिंह को भी शामिल किया। पुलिस के मुताबिक रणवीर सिंह यह कागजात या तो सीधे आईएसआई अधिकारियों को दिया करता था या फिर अपने एक सहयोगी गोपी के जरिए वो इन दस्तावेजों को पाकिस्तान तक पहुंचाता था। गोपी की पहचान अमृतसर के दौके गांव के रहने वाले शख्स के तौर पर हुई है। बताया जा रहा है कि यह गोपी ही मुख्य ड्रग पेडलर है और उसके तार पाकिस्तान पोषित ड्रग तस्करों के सिंडिकेट और आईएसआई अधिकारियों से सीधे जुड़े हुए हैं।
पुलिस ने गोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है। गोपी ने पूछताछ में जरुरी कागजात पड़ोसी मुल्क को देने की बात स्वीकार भी कर ली है। गोपी ने जिन्हें यह कागजात दिये हैं उनमें से एक की पहचान कोठार के तौर पर हुई है। पुलिस के मुताबिक सभी कागजात ऐप के जरिए भेजे गये हैं। शुरुआती पड़ताल में यह बात भी सामने आई है कि हरप्रीत सिंह अमृतसर के चीचा गांव का रहने वाला है।
जबकि गुरबेज सिंह पंजाब के ही तरणतारण के पुनियान गांव का रहने वाला है। पुलिस के मुताबिक रणवीर सिंह, हरप्रीत सिंह को पैसे दिया करते था और बाद में हरप्रीत सिंह यह पैसे गुरबेज सिंह के अकाउंट में ट्रांसफर किया करता था। हरप्रीत सिंह ने साल 2017 में आर्मी ज्वायन की थी तो वहीं गुरबेज सिंह ने साल 2015 में। बहरहाल अब इस मामले में पुलिस काफी गहराई से छानबीन कर रही है और अन्य आरोपियों की भी तलाश की जा रही है।