मुंबई:बुधवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर विधानसभा के मानसून सत्र के कार्यकाल को बढ़ाने, लोकल बॉडी इलेक्शन नहीं करवाने और विधानसभा के स्पीकर के चुनाव को जल्द करवाने के मांग की है। राज्यपाल ने यह चिट्ठी नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस की कुछ दिन पहले राज्यपाल को सौंपी चिट्ठी के आधार पर लिखी है।
महाराष्ट्र सरकार ने कोविड की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए मानसून सत्र को दो दिनों के लिए बुलाने का निर्णय लिया है। सरकार के इस फैसले का भाजपा लगातार विरोध कर रही है। सत्र की अवधि को बढ़ाने की मांग करते हुए कुछ दिन पहले फडणवीस ने राज्यपाल से मुलाकात की थी।
फडणवीस ने अगले महीने पांच जिला परिषदों के चुनाव और 33 पंचायत समितियों की सीटों के लिए उपचुनाव को स्थगित करने का भी अनुरोध किया, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के स्थानीय निकायों में OBC आरक्षण को खत्म करने के फैसले के बाद खाली कर दिया गया था। अब राज्यपाल की इस चिट्ठी के बाद फिर एक बार राजनीतिक हलचल राज्य में तेज हो सकती है।
विधायकों की कोरोना रिपोर्ट आने के बाद करेंगे चुनाव का ऐलान: मलिक
राज्यपाल के इस पत्र को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रवक्ता और मंत्री नवाब मलिक ने बुधवार को कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव पर अंतिम फैसला विधायकों की कोरोना रिपोर्ट आने के बाद लिया जाएगा। महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र 5, 6 जुलाई को होगा। सत्र में शामिल होने वाले सभी विधायकों की कोरोना टेस्टिंग हुई है। सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही उन्हें विधानसभा में एंट्री मिलेगी।
मलिक ने कहा कि सरकार ने विधानसभा के उपाध्यक्ष को पत्र लिखकर विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव का सुझाव दिया है। अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराना निश्चित रूप से जरूरी है। इस पर तीनों पक्ष सहमत हैं। नाना पटोले के विधानसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद से ये पद खाली था। मलिक ने आज कहा कि वे बहुमत से अधिक वोटों के साथ विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव जीतेंगे।
विधानसभा अध्यक्ष पद चुनाव के लिए गुप्त मतदान
महाविकास अघाड़ी सरकार में कांग्रेस के खाते में विधानसभा अध्यक्ष का पद है। ऐसे में जानकारी के मुताबिक, विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए सुरेश वारपूड़कर, अमीन पटेल या संग्राम थोपटे में से किसी एक को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। अध्यक्ष पद का चुनाव गुप्त मतदान द्वारा होगा। महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सीटें है। उद्धव सरकार के पास 174 विधायकों का समर्थन है वहीं BJP के पास 105 विधायक है। कांग्रेस पार्टी के नेताओं का दावा है की अगर चुनाव हुआ तो कांग्रेस के उम्मीदवार की जीत तय है।