नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रेडियो पर मन की बात प्रोग्राम के जरिए देश को संबोधित कर रहे हैं। यह कार्यक्रम मोदी सरकार 2.0 का यह 25वां और ओवरऑल 78वां एपिसोड है। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के बैतूल के एक गांव के लोगों से बात की। गांव के लोगों ने उन्हें बताया कि हमारे यहां वैक्सीन को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि इससे मौत हो रही है।
उन्हें जवाब देते हुए हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वैक्सीन पर भ्रम नहीं फैलने देना है। मैंने वैक्सीन के दोनों डोज लगवा लिए हैं। मेरी मां ने 100 साल की उम्र में वैक्सीन के दोनों डोज लगवाए हैं। आपके गांव में जो भ्रम फैलाया गया है, उसमें जरा भी सच्चाई नहीं है। हमारे देश के 20 करोड़ से ज्यादा लोगों ने वैक्सीन ली है। ऐसा कुछ भी नहीं है। आप भी वैक्सीन लगवाइए। और बाकियों को भी प्रेरित करिए।
वायरस बहरूपिया, वैक्सीन ही बचाएगी
बैतूल के गांव में रहने वाले किशोरी लाल से मोदी ने पूछा कि आपने भी वैक्सीन पर फैलाए जा रहे भ्रम के बारे में सुना है क्या? किशोरी लाल ने जावब दिया कि रिश्तेदार बताते हैं कि वैक्सीन लगाने के बाद लोग बीमार हो जाते हैं। लोगों की मौत हो जाती है। इस पर मोदी ने कहा कि इन अफवाहों पर ध्यान नहीं देना। हमें जिंदगी बचानी है, लोगों को बचाना है। देश को बचाना है। यह बीमारी बहरूपिए की तरह है। यह रंग रूप बदलकर हमला करती है।
उन्होंने आगे कहा कि वैक्सीन हमारा हथियार है। इसे जरूर लगवाना है। हमारे वैज्ञानिकों ने बड़ी मेहनत कर के वैक्सीन बनाई है। दिन-रात एक करके उन्होंने हमें कोरोना के खिलाफ हथियार दिया है। अफवाहों से बचकर रहें और अफवाह फैलाने वालों को भी बताएं कि ऐसा न करें इस अभियान में माताओं-बहनों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में जोड़ना चहिए।
आदिवासी भाइयों की सूझबूझ बनेगी केस स्टडी
प्रधानमंत्री ने कहा कि कभी-ना-कभी, ये विश्व के लिए केस स्टडी का विषय बनेगा कि भारत के गांव के लोगों ने, हमारे वनवासी आदिवासी, भाई-बहनों ने, इस कोरोना काल में, किस तरह अपने सामर्थ्य और सूझबूझ का परिचय दिया। गांव के लोगों ने क्वारैंटाइन सेंटर बनाए, स्थानीय जरूरतों को देखते हुए कोविड प्रोटोकॉल बनाए। गांव के लोगों ने किसी को भूखा नहीं सोने दिया, खेती का काम भी रुकने नहीं दिया। नजदीक के शहरों में दूध-सब्जियाँ, ये सब हर रोज पहुंचता रहे, ये भी गाँवों ने सुनिश्चित किया यानि खुद को संभाला, औरों को भी संभाला।
मिल्खा सिंह को याद किया
मोदी ने कहा कि बात टोक्यो ओलिंपिक की हो रही हो, तो भला मिल्खा सिंह जी जैसे महान एथेलीट को कौन भूल सकता है। कुछ दिन पहले ही कोरोना ने उन्हें हमसे छीन लिया। जब वे अस्पताल में थे, तो मुझे उनसे बात करने का अवसर मिला था । बात करते हुए मैंने उनसे आग्रह किया था। मैंने कहा था कि आपने तो 1964 में टोक्यो ओलिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था, इसलिए इस बार जब हमारे खिलाड़ी, ओलिंपिक के लिए टोक्यो जा रहे हैं, तो आपको हमारे एथेलीट का मनोबल बढ़ाना है, उन्हें अपने संदेश से प्रेरित करना है।
2014 में सूरत आए थे मिल्खा सिंह
प्रधानमंत्री ने मिल्खा सिंह को याद करते हुए कहा कि वो खेल को लेकर इतना समर्पित और भावुक थे कि बीमारी में भी उन्होंने तुरंत ही इसके लिए हामी भर दी लेकिन, दुर्भाग्य से नियति को कुछ और मंजूर था। मुझे आज भी याद है 2014 में वो सूरत आए थे। हम लोगों ने एक नाइट मैराथन का उद्घाटन किया था। उस समय उनसे जो गपशप हुई, खेलों के बारे में जो बात हुई, उससे मुझे भी बहुत प्रेरणा मिली थी। हम सब जानते हैं कि मिल्खा सिंह जी का पूरा परिवार स्पोर्ट्स को समर्पित रहा है, भारत का गौरव बढ़ाता रहा है।
मोदी ने आगे कहा कि जब टैलेंट, डेडिकेशन, डिटरमिनेशन और स्पोर्ट्समेनशिप एक साथ मिलते हैं, तब जाकर कोई चैंपियन बनता है। हमारे देश में तो अधिकांश खिलाड़ी छोटे-छोटे शहरों, कस्बों, गांवों से निकल करके आते हैं । टोक्यो जा रहे हमारे ओलिंपिक दल में भी कई ऐसे खिलाड़ी शामिल हैं, जिनका जीवन बहुत प्रेरित करता है।
टोक्यो ओलिंपिंक पर जा रहे खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाएं
मोदी ने टोक्यो जा रहे हर खिलाड़ियों का उत्साह भी बढ़ाया। उन्होंने कहा कि सभी खिलाड़ियों का अपना संघर्ष रहा है, बरसों की मेहनत रही है। वो सिर्फ अपने लिए ही नहीं जा रहे, बल्कि देश के लिए जा रहे हैं। इन खिलाड़ियों को भारत का गौरव भी बढ़ाना है और लोगों का दिल भी जीतना है और इसलिए मेरे देशवासियों, मैं आपको भी सलाह देना चाहता हूं, हमें जाने-अनजाने में भी हमारे इन खिलाड़ियों पर दबाव नहीं बनाना है, बल्कि खुले मन से इनका साथ देना है, हर खिलाड़ी का उत्साह बढ़ाना है।
उन्होंने आगे कहा कि सोशल मीडिया पर आप #Cheer4India के साथ अपने इन खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दे सकते हैं। आप कुछ और भी इनोवेटिव करना चाहें, तो वो भी जरूर करें। अगर आपको कोई ऐसा विचार आता है जो हमारे खिलाड़ियों के लिए देश को मिलकर करना चाहिए, तो वो आप मुझे जरूर भेजिएगा। हम सब मिलकर टोक्यो जाने वाले अपने खिलाड़ियों को सपोर्ट करेंगे – चीयर फॉर इंडिया।