पुणे:महाराष्ट्र में अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिवसेना से उसका पसंदीदा मुद्दा यानी आरक्षण का मुद्दा छिनने के मूड में नजर आ रही है। रविवार को पुणे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भाजपा नेता पंकजा मुंडे ने ऐलान किया है कि भाजपा 26 जून से अन्य पिछडा वर्ग (OBC) कोटे के राजनीतिक आरक्षण के मुद्दे को लेकर पूरे महाराष्ट्र में आंदोलन करेगी। पंकजा मुंडे ने यह भी कहा है कि पार्टी जल्दी ही अदालत में एक याचिका दायर कर यह मांग करेगी कि जब तक ओबीसी को सियासी आरक्षण दिये जाने का मुद्दा हल नहीं हो जाता तब तक अदालत सभी निकाय चुनाव पर रोक लगा दे।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में ओबीसी कोटे को निकाय चुनाव में आरक्षण को बढ़ाने से मना कर दिया था। इसके बाद से ही कई ओबीसी नेता इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। हाल ही में अखिल भारतीय महात्मा फुले समता परिषद् के सदस्य छग्गन भुजबल ने भी ओबीसी समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन शुरू करने की बात कही थी।
अब बीजेपी भी 26 जून से इस मुद्दे को लेकर आंदोलन का ऐलान कर चुकी है। पंकजा मुंडे ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार के रवैये की वजह से ही ओबीसी आरक्षण रद्द हआ है। पंकजा मुंडे का कहना है कि राज्य सरकार शीर्ष अदालत में ओबीसी कोटे के लोगों को लेकर जरुरी आंकड़ें और उनकी हितों से जुड़ी बातों को अदालत में मजूबती से रख पाने में नाकाम रही थी।
पंकजा मुंडे ने कहा कि ‘हम अगले विधानसभा चुनाव का इंतजार नहीं कर सकते हैं। हम चाहते हैं कि निकाय चुनाव से पहले यह मुद्दा हल हो जाए। इसलिए हमने अदालत में मुकदमा दायर कर निकाय चुनाव की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग करने का फैसला किया है।’
पंकजा मुंडे ने आगे कहा कि ‘मैं इस मुद्दे पर किसी भी पार्टी के नेता के साथ मंच शेयर नहीं कर सकती हूं। राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्रियों को फैसले लेने का अधिकार है। इस मामले में केंद्र सरकार पर ऊंगलियां उठाने की कोई जरुरत नहीं है। यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वो अदालत में आंकड़ें उपबल्ध करवाए और आम लोगों को होने वाली परेशानी से बचाए। बता दें कि अदालत ने अपने एक फैसले में स्थानीय निकायों में अनुसूचित जाति, अनुसूचति जनजाति और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सीटों को 50 प्रतिशत से अधिक बढा़ने से इनकार कर दिया था।