मुंबई। श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा,मुम्बई के तत्वावधान में ज्ञानशाला की आँचलिक संयोजिका श्रीमती सुमन चपलोत के मार्गदर्शन में प्रतिक्रमण प्रशिक्षक प्रशिक्षण सत्र का समापन सत्र अनुचिंतन सफर आत्म ज्ञान का कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला का मुख्य आकर्षण अखिल भारतीय तेरापन्थ महिलामण्डल की उपाध्यक्ष श्रीमती नीलम जी सेठिया रही । समापन सत्र की कार्यशाला की शुरुवात मुम्बई ज्ञानशाला की सहसंयोजिका श्रीमती अनिता परमार ने नमस्कार महामन्त्र के मंगल उच्चारण से की । तत्पश्चात मंगलाचरण की सुमधुर प्रस्तुति श्रीमती ममता सिंघवी ने दी । कार्यशाला की मुख्य ववक्ता अतिथि अभातेमंम की उपाध्यक्ष श्रीमती नीलम जी सेठिया ने ज्ञानशाला द्वारा संचालित कार्यक्रमो की सराहना करते हुए अपने वक्तव्य से छोटे छोटे टिप्स व क्लिप्स के जरिये पेरेंटिंग कार्यशाला से सभी को अवगत करवाया साथ ही बहुत सरल व सुंदर तरीको से बच्चों व अभिभावको को अपनी शब्द शैली से जोड़े रखा । श्रीमती सुमन जी ने प्रतिक्रमण कार्यशाला की विशेष श्रम सिंचन करनेवाली प्रशिक्षक बहन श्रीमती रेखा जी धाकड़ का विशेष आभार ज्ञापन किया व प्रतिक्रमण कार्यशाला की सराहना करते हुए कहा कि आज की विषम परिस्थितियों में भी मुम्बई ज्ञानशाला ने अपना जज्बा कायम रखा है, व प्रशिक्षक बहनों के लिए विकास के नए सोपान लाने का सफल प्रयास किया।
रेखा जी ने विशेष सहयोग व श्रम के सिंचन से 100 से भी अधिक प्रशिक्षक बहनों को प्रतिक्रमण के शुद्ध उच्चारण व अर्थ के साथ कंठस्थ ज्ञान का अध्ययन करवाया ।व पूरी प्रतिक्रमण की पूरी कार्यशाला को संचलित करनेवाली टीम को साधुवाद दिया। विभागीय सहसंयोजिका राजश्री कच्छारा ने सभी अतिथियों , प्रशिक्षक बहनों व कार्यशाला में सम्भागी अभीभावको व बच्चों की सराहना करते हुए आभार ज्ञापन किया।
अनुचिंतन कार्यशाला का सुचारू रूप से संचालन श्रीमती कामिनी बडाला ने किया । प्रशिक्षक श्रीमती संजू दुग्गड़ ने सभी का स्वागत अभिनदंन किया। श्रीमती रिंकू परमार ,श्रीमती कामिनी बडाला का विशेष श्रम रहा जिन्होंने इस कार्यशाला में सराहनीय सहयोग प्रदान किया । इस कार्यशाला में तकनिकी संचालन श्रीमती शीतल सांखला ने किया यह जानकारी मुम्बई ज्ञानशाला के मीडिया विभाग से श्रीमती अनिता सिंयाल ने दी । कार्यशाला में श्रीमती सीमा सोनी,श्रीमती निशा भटेवरा श्रीमती रिंकू भंडारी ,श्रीमती पिंकी कोठारी, श्रीमती जयश्री हिंगड़ ने अपने अनुभव सांझा किये व इस प्रशिक्षण कार्यशाला की सराहना की । कार्यशाला में लगभग 280 प्रशिक्षक व अभिभावक सहभागी बने ।
मुम्बई ज्ञानशाला द्वारा “अनुचिंतन” सफर आत्मज्ञान का कार्यशाला का ऑनलाइन सफल आयोजन
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