वाशिंगटन: अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने वाशिंगटन की ओर से रक्षा उत्पादन अधिनियम के हटाए जाने की जानकारी दी। उन्होंने बताया, ‘अमेरिका ने भी डिफेंस प्रोडक्शन एक्ट के हटाए जाने का ऐलान किया है, इसका मतलब है कि सप्लाई को लेकर प्राथमिकता का अब कोई मतलब नहीं है। इसकी जरूरत नहीं होगी। इससे कोरोना वैक्सीन विशेषकर एस्ट्राजेनेका व नोवैक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए सप्लाई चेन सहज होगा।’
व्हाइट हाउस के कोविड-19 रेस्पॉन्स कोऑर्डिनेटर जेफ जाइंट्स (Jeff Zients) ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका रक्षा उत्पादन अधिनियम को हटा देगा। उन्होंने अपने बयान में कोरोना वैक्सीन एस्ट्राजेनेका, नोवावैक्स और सनोफी का उल्लेख मुख्य तौर पर किया।
हाल में ही विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिका दौरे पर थे। आज विश्व में भारतीय वैक्सीन की मांग अत्यधिक है तथा आपूर्ति के लिए आवश्यक कच्चे माल के निर्यात पर अब अमेरिका ने अपने देश में लगी पाबंदी भी हटा ली है। हालांकि प्रारंभ में अमेरिका ने ‘रक्षा उत्पादन अधिनियम’ के तहत वस्तुओं के निर्यात को नियंत्रित किया था तथा अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस द्वारा अपने इस नीति का बचाव करते हुए यह बयान दिया गया कि भारत अपने टीकाकरण अभियान को धीमा करे, क्योंकि बाइडन प्रशासन का पहला दायित्व अमेरिकी लोगों की आवश्यकताओं का ध्यान रखना है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका के रक्षा उत्पादन अधिनियम के कारण वहां की कंपनियों के कच्चे माल के निर्यात पर कुछ प्रतिबंध लागू होता है। फरवरी की शुरुआत में अमेरिकी सरकार ने टीके के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कच्चे माले के निर्यात की सीमा तय कर दी थी।