श्रुति मिश्रा। एक्ट्रेस और पूर्व मिस इंडिया जूही चावला हालिया समय में ऐसे तो हिंदी फिल्मों में ज्यादा सक्रिय नहीं हैं। लेकिन सोशल मीडिया पर वह आए दिन अपने पोस्ट और वीडियोज से फैंस के बीच अपनी उपस्थिति बरकरार रखतीं हैं। लेकिन, एक जिम्मेदार नागरिक और पब्लिक फिगर होने के नाते वह पर्यावरण और जनकल्याण के लिए आवाज उठाने से पीछे नहीं हटती।
जूही ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया ताकि वायरलेस 5G तकनीक देश में पर्यावरण, मानव जाति और जानवर को किसी भी तरह का खतरा न पहुंचा सकें। जूही ने कोर्ट में याचिका दायर कर दी है, जिसकी सुनवाई जस्टिस सी हरिशंकर के नेतृत्व में हुई। अब इस मामले को अगली बेंच को ट्रांसफर कर दिया गया है, जिसकी निकटम सुनवाई 2 जून को होगी।
साथ ही जूही ने यह कदम क्यों उठाया इसके पीछे की वजह भी बताई और कहा, हम लोग टेक्नोलॉजी और उसके विस्तार के खिलाफ नहीं हैं। हम लोग भी टेक्नोलॉजी के तमाम वायरलेस उपकरणों को इस्तेमाल करना पसंद करते हैं। मगर यहां पर बात सिर्फ इतनी ही नहीं है। तमाम रिसर्च में यह सामने आया है कि आरएफ रेडिएशन कितना हानिकारक साबित हो सकता है। हमारी ओर से खुद रिसर्च की गई है और ऐसे कई सारी वजह सामने आई हैं, जो इस ओर इशारा कर रहे हैं कि यह रेडिएशंस इंसानों की हेल्थ और सेफ्टी के लिए अच्छे नहीं हैं।
जूही के स्पोक्सपर्सन की तरफ से भी एक स्टेटमेंट जारी किया गया है की ‘यह शिकायत इसलिए दर्ज की गई है कि 5G टेस्टिंग को लेकर हमारे और लोगों के बीच फैले खौफ को दूर किया जाए और इसे पूरी तरह से सरकार द्वारा सुनिश्चित किया जाए कि इस टेस्टिंग से किसी भी जीव-जंतु को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा। जब तक यह पूरी रिसर्च के साथ प्रमाणित न हो जाए कि आरएफ रेंज से किसी को हानि नहीं होगी तब तक भारत में इसके इस्तेमाल पर रोक लगनी चाहिए। हमें सिर्फ इस जनरेशन के बारे में नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों के बारे में भी सोचना है।’
देश और पर्यावरण पर 5G तकनीक का नुकसान न हो इसलिए दिल्ली हाई कोर्ट पहुंची जूही चावला
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