लक्ष्य बड़ा हो और डगर कठिन, लेकिन अगर जज्बा है तो कामयाबी देर से ही सही पर मिलती जरूर है। ऐसा मानना है एक मशहूर स्टार्टअप के सह-संस्थापक मनीत गोहिल का। स्टार्टअप ‘लाल10’ के सह-संस्थापक मनीत गोहिल ने अपने साथियों संचित गोविल और आल्बिन जोस के साथ इस स्टार्टअप की शुरुआत की। मनीत बताते हैं, ‘मैंने अपने हॉस्टल के कमरे से जनवरी 2014 में इस कंपनी की शुरुआत की थी।
दरअसल एक बार मुझे एक आर्ट फेस्टिवल ‘काला घोड़ा’ में जाने का मौका मिला। यहां मैंने आठ राज्यों के लगभग 80 कारीगरों से मुलाकात की। देखकर मुझे हैरानी हुई कि इन प्रोडक्ट की कीमतें बहुत कम थीं। ग्रामीण कारीगर और शहरी उपभोक्ताओं के बीच की खाई को पाटने के लिए मेरे दिमाग में बस एक ही बात थी। भरपूर मेहनत करने वाले इन कारीगरों को उनकी मेहनत का वाजिब मूल्य मिले।’ यही वजह थी कि इस स्टार्टअप का नाम ‘लाल10’ (लालटेन) रखा गया। आज नोएडा और भुवनेश्वर से बाहर 38 लोगों की एक टीम है, जो वर्तमान में 1200 कारीगरों के सहयोग से काम कर रही है। उनके उत्पादों के खरीदारों में फैब इंडिया, रिलायंस जैसी कई अन्य बड़ी कंपनियां शामिल हैं। इसके लिए मनीत गोहिल, संचित गोविल और आल्बिन जोस को फोर्ब्स इंडिया 30 अंडर 30 सूची में शामिल भी किया गया है।
कैसे हुई शुरुआत : इंजीनियरिंग करने के बाद इन युवाओं ने स्टार्टअप की राह चुनी। देश के विभिन्न हिस्सों से अपने हथकरघा, हस्तशिल्प और स्वदेशी खाद्य उत्पादों को पेश करने के लिए ई-कॉमर्स पोर्टल की शुरुआत की गई। मकसद यही था कि देश के दूर-दराज इलाकों के कारीगर दुनियाभर में अपना सामान बेच सकें। मनीत बताते हैं, ‘शुरुआत में हमने कम आय वर्ग वाले आठ राज्यों के सैकड़ों गांवों को आर्ट विलेज के रूप में चुना। वहां आज 1200 से अधिक युवा हैंडीक्राफ्ट में नई स्किल्स को सीख कर कार्य को गति दे रहे हैं। समय-समय पर इन्हें डिजाइन टीम प्रशिक्षण देती है और जरूरी मदद मुहैया कराती है।’
इस स्टार्टअप को बहुत ही कम समय में 18 देशों के 300 से अधिक बड़े थोक खरीदार मिल गए हैं। शुरुआत में प्रत्येक कारीगर को न्यूनतम 15 हजार रुपये की मासिक आय सुनिश्चित भी की जाती है। मनीत बताते हैं, ‘अब हमारा एकमात्र उद्देश्य देश के संपूर्ण 7 मिलियन कारीगरों की आबादी को एक साथ लाना है और उनकी कला को दुनिया के सामने पेश करना है। हर दिन हमारी वेबसाइट पर लगभग 1000 विजिटर आ रहे हैं। इसमें कई लोग कारीगरों से जुड़ जाते हैं। स्टार्टअप काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है दूसरे फेज में अमेरिका, जर्मनी और भारत के कई फाउंडेशंस ने इसका समर्थन किया है। हम और अधिक ब्रांड्स के साथ सहयोग कर रहे हैं, ताकि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हमारे सामानों की व्यापक पहुंच हो।
मनीत गोहिल ने कहा, ग्रामीण कारीगर और शहरी उपभोक्ताओं के बीच की खाई को पाटने के लिए मेरे दिमाग में बस एक ही बात थी कि भरपूर मेहनत करने वाले इन कारीगरों को उनकी मेहनत का वाजिब मूल्य मिले।’
– पंकज घिल्डियाल