वाशिंगटन:वर्षो तक अफगानिस्तान की सुरक्षा में लगे रहे अमेरिका ने अब सेना वापसी के बाद की सुरक्षा से अपना पल्ला झाड़ लिया है। अमेरिका ने कहा है कि सेना वापसी के बाद अफगानिस्तान की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं ले सकता है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जैक सुलीवान से फॉक्स न्यूज के कार्यक्रम में यह सवाल किया गया कि 2011 में जब इराक से अमेरिकी सेना वापसी के बाद इस्लामिक स्टेट (आइएस) ने कब्जा कर लिया था, तब राष्ट्रपति बराक ओबामा ने दोबारा सेना भेजी थी।
अफगानिस्तान में सेना वापसी के बाद ऐसी परिस्थितियों पर अमेरिका क्या करेगा। एनएसए जैक सुलीवान ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन की दोबारा सेना भेजने की कोई मंशा नहीं है। कोई भी सेना वापसी के बाद सुरक्षा की गारंटी नहीं ले सकता। हमने अफगानिस्तान को सक्षम बनाने में पूरी तरह मदद की है। उनके सुरक्षा बलों को ताकत बढ़ाने के लिए संसाधन उपलब्ध कराए हैं। उपकरण देकर क्षमता में वृद्धि की है, प्रशिक्षण भी दिया है। यह समय अब सुरक्षा बलों की वापसी का है। यहां के लोगों को अपनी सुरक्षा के बारे में खुद कदम बढ़ाने होंगे। अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा है कि अफगानिस्तान अपनी सुरक्षा करने में सक्षम है।
गनी बोले, पाक तय करे, अब दोस्ती करनी है या दुश्मनी
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अमेरिकी सेना की वापसी से पहले ही पाक को चेताया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को तय करना है कि वह क्या चाहता है। उसने हमारे देश को अस्थिर करने की कोशिश की तो वह भी स्थिर नहीं रह पाएगा। अब उसे तय करना है, वह दोस्ती चाहता है या दुश्मनी। काबुल में जनता को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा हम विदेशी सेना की वापसी के बाद की स्थितियों के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इसके लिए हमने अपनी योजना भी तैयार कर ली है। ज्ञात हो कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने 11 सितंबर तक सेना वापसी की घोषणा की है।