लखनऊ। उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे देश में इन दिनों कोरोना संक्रमण से कोहराम मचा है। दिन पर दिन बढ़ रहे कोरोना वायरस के संक्रमण ने कहर बरपा रखा है। कोरोना से हो रही मौतों की संख्या बढ़ती जा रही है। श्मशान घाट में लाशों का ढेर लगा हुआ। चिता को जलाने के लिए लोगों को लाइन लगानी पड़ रही है। कोरोना का डर लोगों के जेहन में इस कदर बैठ गया है कि साधारण मौत पर भी लोग शव के पास जाने से कतरा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला यूपी के लखीमपुर खीरी जिले से सामने आया है। यहां एक के बाद तीन मौतों ने परिवार को पहले ही झकझोर कर रख दिया है। कोरोना के चलते शव को उठाना तो दूर लोगों ने उसके पास तक आने तक ही जेहमत नहीं उठाई।
लखीमपुरखीरी शहर के मोहल्ला संतोषनगर में तीन टिंबर व्यापारी भाइयों की आठ घंटे के अंतराल में मौत हो गई। मौत की वजह बुखार व संक्रमण बताया गया। लेकिन इनमें कोरोना की बात से प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने इनकार किया है। भाइयों का इलाज करने वाले अस्पताल पर प्रशासन ने कार्रवाई की है। अस्पताल को दोपहर में सीज कर दिया गया। शहर के मोहल्ला संतोषनगर में रहने वाले सुशील अग्रवाल, अनिल अग्रवाल व अतुल अग्रवाल टिंबर का काम करते थे। तीनों भाई एक ही घर में रहते थे। बताते हैं कि सुशील और अनिल की तीन दिन से तबीयत खराब थी। उनको बुखार, जकड़न जैसी दिक्कत थी। इनको शहर के एक निजी अस्पताल में उनको भर्ती कराया गया। सबसे छोटे भाई अतुल की हालत भी खराब थी। पर वह घर में था।
बताया जाता है कि अतुल की तबीयत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। मोहल्ले के लोगों ने उसका अंतिम संस्कार कराया और लौट आए। कुछ घंटों बाद भी सुशील और अनिल की भी मौत हो गई। तीन भाइयों की मौत से हड़कंप मच गया। खास बात है कि तीनों की कोरोना जांच भी नहीं हुई थी। इन मौतों की सूचना के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम उस अस्पताल में पहुंच गई, जहां दो भाइयों का इलाज हुआ था। सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि मरने वालों को कोरोना नहीं था। अस्पताल का पंजीकरण नहीं था और अस्पताल प्रशासन ने मरीजों के बारे में सूचना नहीं दी। इसलिए सीज की कार्रवाई की गई।