यंगून:म्यामांर में रविवार को सैन्य तख्तापलट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने गोलियां चलाई। इसमें कम से कम 18 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई, जबकि इस घटना में 30 से अधिक लोग घायल हो गए।
म्यांमार के कई शहरों जैसे यंगून, दवेई और मंडाले में भी लोगों के मारे जाने की खबरें आ रही हैं, क्योंकि पुलिस की ओर से असली गोलियां और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया गया है। बयान में कहा गया है कि कई स्थानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े जाने और ग्रेनेड का इस्तेमाल किए जाने की भी खबरें है। बयान में कार्यालय प्रवक्ता रविना शामदसानी के हवाले से कहा गया है, हम म्यांमार में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बढ़ती हिंसा की कड़ी निंदा करते हैं और सेना से शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ बल का इस्तेमाल तुरन्त बंद किए जाने का आह्वान करते है।
सत्ता सौंपने की मांग
प्रदर्शनकारी देश की नेता आंग सान सू की की निर्वाचित सरकार को सत्ता सौंपने की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरें वायरल हो रहीं हैं, जिनमें गोलियों के खोखे दिखाई दे रहे हैं। दक्षिणपूर्वी म्यांमार के छोटे से शहर दावेई में भी सुरक्षा बलों ने हिंसक कार्रवाई की। स्थानीय मीडिया की खबर के अनुसार एक प्रदर्शन रैली के दौरान तीन लोग मारे गए। हालांकि मारे गए लोगों की संख्या की अभी पुष्टि नहीं हुई है।
बचकर भागते दिख रहे प्रदर्शनकारी
रविवार को हिंसा उस वक्त भड़की जब मेडिकल के छात्र राजधानी की सड़कों पर मार्च निकाल रहे थे। घटना की जारी हुई तस्वीरों और वीडियो में प्रदर्शनकारी उस वक्त भागते दिख रहे हैं जब पुलिस ने उन पर सख्ती की। राजधानी में किसी के हताहत होने के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। सड़कों पर गोलियों की आवाजें सुनी गईं और माना जा रहा है कि भीड़ पर स्मोग ग्रेनेड भी फेंका गया।
अब तक 800 से ज्यादा गिरफ्तार
राजनीतिक कैदियों की मदद के लिए एक स्वतंत्र एसोसिएशन के मुताबिक अब तक 854 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इन पर तख्तापलट से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा 771 लोगों को हिरासत में रखा गया है। ग्रुप के मुताबिक हाल में 75 नई गिरफ्तारी हुई हैं। बताया जा रहा है कि शनिवार को यंगून और अन्य जगहों से सैकड़ों लोगों को उठाया गया है।