नई दिल्ली:कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी के उत्तर भारत को लेकर दिए गए बयान के बाद पार्टी बैकफुट पर आ गई है। कांग्रेस ने अमेठी और यूपी की विरासत गिनाकर सफाई पेश की है। इसके अलावा कहा है कि वे ही समझा सकते हैं कि उनका मतलब क्या है। दरअसल, राहुल गांधी ने त्रिवेंद्रम में कहा था कि वह 15 सालों तक उत्तर भारत से सांसद थे। इस वजह से उन्हें एक अलग तरीके की राजनीति की आदत हो गई थी।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के बयान पर सफाई पेश करते हुए कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, ”राहुल गांधी ने अपने निजी अनुभवों को साझा किया है, नाकि भारत के किसी हिस्से को लेकर अनादर दिखाया है। किस संदर्भ में उन्होंने यह ऑब्जर्वेशन किया, वह साफ कर सकते हैं ताकि कोई अनुमान या गलतफहमी न रहे।” उन्होंने आगे कहा, ”कांग्रेस ने कभी भी देश का विभाजन नहीं किया। भारत का प्रत्येक भाग समान रूप से महत्वपूर्ण है। उत्तर भारत ने भी बहुत योगदान दिया है। हमारे पास स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नेता थे – मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, गोविंद वल्लभ पंत, लाला लाजपत राय आदि।”
आनंद शर्मा ने कहा कि आजादी के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री, अटल बिहारी वाजपेयी- जैसे शानदार पीएम रहे हैं। सभी ने उत्तर प्रदेश को रिप्रेजेंट किया। मनमोहन सिंह भी जोकि उत्तर भारत से थे। इस वजह से कांग्रेस ने कभी भी इस क्षेत्र का अनादर नहीं किया। उन्होंने आगे कहा कि जब अमेठी की बात आती है, तो हम मतदाताओं के आभारी हैं और उनका सम्मान करते हैं। अमेठी से संजय गांधी, राजीव गांधी, कैप्टन सतीश शर्मा, सोनिया गांधी और राहुल गांधी चुने गए। अनादर करने का कोई सवाल ही नहीं है। यह कांग्रेस की फिलॉस्फी नहीं है। हमने अखंड भारत में विश्वास किया है।
वहीं, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि बीजेपी आम लोगों से जुड़े मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए हर दिन सतही मुद्दों को उठा रही है। सुरजेवाला के इन आरोपों से एक दिन पहले ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों ने गांधी को अवसरवादी बताते हुए आरोप लगाया था कि उन्होंने केरल में अपने भाषण के दौरान उत्तर भारतीयों का अपमान किया।
बता दें कि सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा था कि पहले 15 साल मैं उत्तर भारत से सांसद रहा। इसलिए मुझे अलग तरह की राजनीति की आदत हो गई थी। मेरे लिए केरल आना नया अनुभव था क्योंकि मैंने देखा कि लोग मुद्दों में दिलचस्पी रखते हैं, सिर्फ दिखावे के लिए नहीं बल्कि गहनता से उस पर विचार करते हैं।