नई दिल्ली: स्वच्छता के मोर्चे पर सरकार के लिए अच्छी खबर है। देश में शौचालय का इस्तेमाल न करने वाले लोगों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है। खास बात यह है कि शहरों में अब मात्र चार प्रतिशत ऐसे लोग हैं जो शौचालय का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। हालांकि गांवों में अब भी ऐसे लोगों का अनुपात एक-तिहाई के आस-पास है।
नेशनल सेंपल सर्वे के मुताबिक मई-जून 2015 में देश के गांवों में 52 प्रतिशत लोग ऐसे थे जो शौचालय का इस्तेमाल नहीं करते थे, जुलाई-दिसंबर 2017 में इनका अनुपात घटकर मात्र 33 प्रतिशत रह गया है। साथ ही शहरों में शौचालय इस्तेमाल न करने वाले लोगों का अनुपात भी इस अवधि में 8 प्रतिशत से घटकर मात्र चार प्रतिशत रह गया है।
एनएसएसओ ने जुलाई-दिसंबर 2017 के दौरान देश के 4043 गांवों और 3091 शहरी क्षेत्रों के 71,205 परिवारों का सर्वे कर यह निष्कर्ष निकाला है। एनएसएसओ ने मंगलवार को सर्वे की रिपोर्ट सार्वजनिक की।
एनएसएसओ के अनुसार मई-जून 2015 से जुलाई-दिसंबर 2017 के बीच लगभग दो साल की अवधि में शौचालय वाले परिवारों का प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में 45 प्रतिशत से बढ़कर 64 प्रतिशत हो गया है जबकि शहरी क्षेत्रों में यह आंकड़ा 89 प्रतिशत से बढ़कर 94 प्रतिशत हो गया है।
सर्वे से पता चलता है कि हाल के वर्षो में जिस तरह देश में अधिकाधिक शौचालयों का निर्माण हो रहा है, उसके साथ ही शौचालयों का इस्तेमाल करने वाले लोगों का अनुपात भी बढ़ रहा है। इसके अलावा शौचालयों में उपयोग के लिए जल रखने वाले परिवारों का अनुपात भी ग्रामीण क्षेत्रों में 43 प्रतिशत से बढ़कर 62 प्रतिशत तथा शहरी क्षेत्रों में 88 प्रतिशत से बढ़कर 93 प्रतिशत हो गया है।
हालांकि गांव और शहरों में कूड़े का उचित निपटान न होना अब भी बड़ी समस्या है। सर्वे से पता चलता है कि जुलाई-दिसंबर 2017 में ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र 34 प्रतिशत परिवार ही ऐसे थे जिन्होंने कूड़े का निपटान घर के बाहर एक निर्धारित स्थान पर किया। इसी तरह शहरों में भी ऐसे परिवारों का आंकड़ा 50 प्रतिशत रहा।
मोदी सरकार के लिए अच्छी खबर- शौचालय इस्तेमाल न करने वालों की संख्या में आयी कमी
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