बारडोली। बारडोली से चातुर्मास संपन्न कर मुनि श्री हिमांशु कुमार जी एवं बीड महाराष्ट्र से चातुर्मास संपन्न कर मुनि श्री आलोक कुमार जी का अद्भुत अध्यात्मिक मिलन बिलिमोरा में- अद्भुत और सुखद होता हैं संत मिलन। संत मिलन का अवसर बहुत दुर्लभ होता है। संत और सज्जन का मिलन सभी को सुख का अहसास कराता है। ये विचार मुनि श्री हिमांशु कुमार स्वामी ने अध्यात्मिक मिलन समारोह के उपलक्ष में व्यक्त किये।
पांचाल सेवा समाज के सभागार में आयोजित मिलन समारोह में श्रावक समाज को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज हमें यह चिर प्रतीक्षित अवसर मिला हैं। इससे पूर्व मुनि श्री आलोक कुमार जी स्वामी ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा की आज हमारा रोम रोम हर्षित हो रहा हैं हमें संत मिलन की शुभ वेला में जो अनुभव होता हैं वह और कहीं संभव नहीं हैं । अपने आप को भाग्यशाली बताते हुए मुनि श्री ने कहा कि आज मुझे ऐसे संतों के दर्शन का अवसर मिला है जिनके साथ मेरे बचपन की अनेक स्मृतियाँ जुड़ी हुई हैं।
इससे पूर्व मुनि हिम कुमार ने कहा कि आज का यह अवसर जन जन को अलौकिक आनंद की अनुभूति करा रहा हैं। उल्लेखनीय हैं कि मुनि हिम कुमार अपनी कर्म भूमि बिलिमोरा में संत रूप में अनेक वर्षों बाद पधारे। साथ ही मुनि लक्ष्य कुमार ने संतो का गुणगान किया और मुनि जिज्ञासु कुमार ने संत मिलन के संदर्भ को रोचक आकंडो के माध्यम से प्रस्तुत किया। भंसाली परिवार की महिलाओं द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया एवं रमेश जी भंसाली एवं वंश श्रीश्रीमाल ने अपने विचार व्यक्त किए।
संयोजन: मुनि हेमंत कुमार जी ने किया
अद्भुत होता हैं संत मिलन- “मुनि हिमांशु कुमार”
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