नई दिल्ली:पाकिस्तान को अपने देश में अल्पसंख्यक समुदायों के साथ हो रहे भेदभाव को लेकर एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र में भारत की खरी-खरी सुनने को मिली है। बीते साल दिसंबर में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के खरक जिले में भीड़ ने एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की और आग लगा दी थी। इस घटना को लेकर भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को पोल खोल दी और बताया कि कैसे वहां हिंदुओं पर अत्याचार जारी है।
भारत ने इस दौरान कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने सांस्कृतिक सद्भाव और धार्मिक स्थलों को सुरक्षित रखने का संकल्प लिया है लेकिन पाकिस्तान में धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर आतंक के निशाने पर हैं। वहां आतंकवाद, हिंसक चरमपंथ, कट्टरपंथ और असहिष्णुता लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि बहुसांस्कृतिक देश होने के नाते भारत सभी धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों की रक्षा करता है और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा भी करता है। उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान में हिंदू मंदिर पर हमला हुआ तो वहां की सरकार बस मूक दर्शक बनी रही। वहां, सबपर एक जैसी कानूनी कार्रवाई नहीं होती और जब तक यह स्थिति बनी रहेगी तब तक दुनिया में शांति स्थापित करने की वास्तविक संस्कृति नहीं दिखेगी।
हालांकि, अपने जवाब देने के अधिकार के तहत पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने भारत के आरोपों को खारिज कर दिया।
बता दें कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वां के करक जिले में एक हिन्दू मंदिर में बीते महीने आग लगाने के साथ तोड़फोड़ की गई थी। इसे लेकर इमरान खान सरकार की काफी आलोचना हुई थी क्योंकि वह अकसर भारत में अल्पसंख्यकों को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर रहते हैं। मंदिर में आग लगाने और तोड़फोड़ का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इसके बाद वहां करीब 110 लोगों की गिरफ्तारी का दावा किया गया था।