मुंबई:शिवसेना ने अपने मुख पत्र सामना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विष्णु भगवान का अवतार बताने वाले भाजपा प्रवक्ताओं पर जमकर हमला बोला। गुरुवार को अखबार की संपादकीय में ‘पुलवामा’ हमले को लेकर पत्रकार अर्नब गोस्वामी के लीक हुए चैट को आधार बनाते हुए लिखा- ‘पुलवामा’ में हमारे सैनिकों की हत्या राजनैतिक षड्यंत्र था। लोकसभा चुनाव जीतने के लिए इन 40 जवानों का खून बहाया गया, ऐसे आरोप उस समय भी लगे थे। अब अर्नब गोस्वामी की जो वॉट्सऐप चैट बाहर आई है, वह उन आरोपों को बल देने वाली ही है।’ सामना में लिखा- भाजपा इस पर तांडव नहीं करती, यह सब देख भगवान श्रीराम भी अपना माथा पीट रहे होंगे।
अर्नब पर भाजपा क्यों नहीं करती तांडव?
शिवसेना ने सामना में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित अनेक गोपनीय बातें गोस्वामी ने सार्वजनिक कर दीं, इस पर बीजेपी ‘तांडव’ क्यों नहीं करती? चीन ने लद्दाख में घुसकर हिन्दुस्तानी जमीन पर कब्जा कर लिया। चीन पीछे हटने को तैयार नहीं, इस पर ‘तांडव’ क्यों नहीं होता? गोस्वामी को गोपनीय जानकारी देकर राष्ट्रीय सुरक्षा की धज्जियां उड़ाने वाले असल में कौन थे, जरा पता चलने दो। गोस्वामी द्वारा 40 जवानों की हत्या पर आनंद व्यक्त करना, यह देश, देव और धर्म का ही अपमान है।
शिवसेना ने आगे लिखा है, ‘ये सब देखकर स्वयं भगवान श्रीराम भी अपना माथा पीट रहे होंगे। लेकिन, भारतीय जनता पार्टी ने इस पर ‘तांडव’ तो छोड़िए, भांगड़ा भी नहीं किया। राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित अनेक गोपनीय बातें गोस्वामी ने सार्वजनिक कर दीं, इस पर भाजपा ‘तांडव’ क्यों नहीं करती?’
सामना ने आगे लिखा है कि जो बीजेपी ‘तांडव’ के विरोध में खड़ी है, वही भारत माता का अपमान करने वाले उस अर्नब गोस्वामी के संबंध में मुंह में उंगली दबाकर चुप क्यों बैठी है? हिंदुस्तानी सैनिकों का व उनकी शहादत का अपमान जितना गोस्वामी ने किया है, उतना अपमान पाकिस्तानियों ने भी नहीं किया होगा।
बीजेपी के ‘तांडव’ की प्रामाणिकता पर संदेह
सामना में शिवसेना ने लिखा है कि हिंदू देवी-देवताओं के संदर्भ में किसी भी प्रकार का अपमानजनक संवाद शिवसेना ने कभी भी बर्दाश्त नहीं किया है। एमएफ हुसैन निसंदेह महान चित्रकार थे, लेकिन उन्होंने हिंदू देवताओं के चित्र जिस तरह से बनाए, उस पर शिवसेना ने आपत्ति जताई थी। विवाद इतना बढ़ा कि एमएफ हुसैन को देश छोड़कर जाना पड़ा। इससे साफ होता है कि हिंदू देवी-देवताओं के अपमान पर किसी भी स्थिति में समझौता संभव ही नहीं है, लेकिन बीजपी ने जो ‘तांडव’ शुरू किया है, उसमें प्रामाणिकता का अंश कितना है, उस पर संदेह है ही।
मोदी भगवान विष्णु के 13वें अवतार
शिवसेना ने लिखा, ‘चीन ने लद्दाख में घुसकर हिंदुस्तानी जमीन पर कब्जा कर लिया। चीन पीछे हटने को तैयार नहीं, इस पर ‘तांडव’ क्यों नहीं होता? गोस्वामी को गोपनीय जानकारी देकर राष्ट्रीय सुरक्षा की धज्जियां उड़ाने वाले असल में कौन थे, जरा पता चलने दो! बीजेपी द्वारा ली गई भूमिका पर आपत्ति जताएं, ऐसा कुछ नहीं है, लेकिन हिंदुत्व और भारत माता का अपमान केवल ‘तांडव’ तक ही सीमित नहीं है। श्रीमान मोदी भगवान विष्णु के 13वें अवतार हैं, ऐसा भाजपा के प्रवक्ता द्वारा कहा जाना, यह ‘तांडव’ की तरह ही हिंदुत्व का अपमान है।’
यदि ‘तांडव’ सीरीज में कुछ आपत्तिजनक बातें होंगी और उसमें हिंदुत्व, हमारे देवी-देवताओं का अपमान होगा तो धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मुद्दे पर कठोर कार्रवाई तो होगी ही। संक्षेप में कहें तो श्रद्धा स्थान चाहे किसी धर्म के हों, उनके बारे में इस तरह के आपत्तिजनक शब्द कहना गलत ही है।
कांग्रेस ने भी की जांच की मांग
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी समेत सुशील कुमार शिंदे, सलमान खुर्शीद और गुलामनबी आजाद ने भी बुधवार को पत्रकार परिषद में इस पूरे मामले की जांच कराने व ‘सरकारी गोपनीयता अधिनियम’ के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। पूरे मामले को देशद्रोह ही बताते हुए कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे को संसद सत्र में उठाने के संकेत भी दिए हैं। इस प्रकरण में जो सच्चाई है, उसे सरकार को बाहर लाना चाहिए।