नई दिल्ली:साल 1974 में इंग्लैंड के खिलाफ जब भारत की टीम लॉर्ड्स के मैदान में महज 42 रनों पर ऑलआउट हुई थी, तो टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज गुंडप्पा विश्वनाथ उस टीम का हिस्सा थे। साल 2020 में एडिलेड के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन साल 1974 से भी खराब रहा और टीम दूसरी पारी में सिर्फ 36 रन ही बना सकी। बल्लेबाजों के शर्मनाक खेल के बाद गुंडप्पा विश्वनाथ ने कहा कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि 42 से उससे कम का स्कोर कभी दोबारा भी बन सकता है।
इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत करते हुए गुंडप्पा विश्वनाथ ने कहा, ‘मैं उस टीम में था जब हम लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ 42 रनों पर ऑलआउट हो गए थे। मैं कभी नहीं सोचा था कि मैं अपनी जिंदगी में भारत की टीम को 42 या उससे कम रनों के स्कोर पर ऑलआउट होता हुआ देखूंगा। यह बिल्कुल अच्छा नहीं लगता है। लेकिन, उनको इसको पीछे छोड़कर आने वाले मैचों के लिए तैयारी करनी चाहिए। हर चीज एक दूसरे से मिली होती है जब इस तरह एक टीम लो स्कोर पर आउट होती है। सारे ही गेंदबाजों ने काफी अच्छी गेंदबाजी का प्रदर्शन किया, टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों को कुछ बेहद शानदार गेंदें मिलेंगी और निचले क्रम के बल्लेबाज ज्यादा बाधा नहीं बनेंगे।’
पूर्व कप्तान ने लॉर्ड्स टेस्ट मैच की एडिलेड से तुलना करते हुए कहा, ‘एडिलेड में, पिच तीसरे दिन थोड़ी तेज हो गई थी। ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाजी की निरंतरता के साथ। यही चीज हुई थी लॉर्ड्स में, जब भी बल्लेबाज गेंद से बीट हो रहे थे, तो बॉल बल्ले का भारी किनारा ले रही थी। लॉर्ड्स से तुलना करूं, जहां बादल छाए हुए थे और बॉल स्विंग कर रही थी, एडिलेड की ओवल पिच पर थोड़ा ज्यादा बाउंस था, लेकिन सीम मूवमेंट उतनी नहीं थी। सभी गेंदबाजों ने बल्लेबाजों को प्रेशर में रखा।’