मुंबई:’तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ फेम जेठालाल यानी दिलीप जोशी ने वेब सीरीज में इस्तेमाल होने वाले अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट को लेकर नाराजगी जाहिर की है। स्टैंडअप कॉमेडियन सौरभ पंत के यूट्यूब पॉड-कास्ट पर उन्होंने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर हम कुछ अच्छा कंटेंट देख सकते हैं। कुछ अच्छे परफॉर्मेंस देख सकते हैं। लेकिन इनमें बेवजह के अपशब्दों का इस्तेमाल भी बहुत ज्यादा होता है।
दिलीप जोशी ने उदाहरण देते हुए कहा, “जैसे कि मैंने हाल ही में ‘बंदिश बैंडिट्स’ देखी। वह बेहतरीन है। इसमें जबर्दस्त परफॉर्मेंस और शंकर-अहसान-लॉय का शानदार संगीत है। लेकिन इसमें एक ऐसा किरदार है, जो गाली देने में सहज नहीं है। यह वाकई अजीब है।”
“मैं नहीं जानता कि इस तरह के शब्दों के इस्तेमाल का कोई क्लॉज होता है या नहीं? लेकिन इनके बिना भी आप अच्छा काम कर सकते हैं। जैसे राज कपूर जी, ऋषिकेश मुखर्जी जी और श्याम बेनेगल जी ने कालजयी काम किया है। उन्हें कभी महसूस नहीं हुआ कि अपने काम में गाली को शामिल किया जाए।”
दिलीप जोशी ने तंज कसते हुए आगे कहा, “अगर आप वाकई रियलिटी दिखाना चाहते हैं तो फिर इसके नाम पर लोगों का टॉयलेट जाते और नहाते भी दिखा दीजिए। आप ऑडियंस को क्या परोसते हैं? यह मायने रखता है। आप जो देखते हैं, वह आपके साथ रह जाता है।”
“क्या आप ऐसा समाज बनाना चाहते हैं, जहां लोग सिर्फ गाली देकर बात करते हों। हर चीज की लिमिट होती है। अगर कोई चीज लिमिट में है तो वह एन्जॉय करने लायक होती है। लेकिन अगर लिमिट से बाहर हो जाए तो आपके लिए परेशानी का सबब बन जाती है।”
दिलीप ने सवाल उठाते हुए कहा, “मैं समझ सकता हूं कि वक्त के साथ बदलना और आगे बढ़ना बहुत जरूरी है। लेकिन क्या गाली देना आगे बढ़ना है? जो पश्चिमी देशों में हो रहा है, उसे आप अपने यहां चाहते हैं। पश्चिम पूरब की संस्कृति की ओर देख रहा है। हमारे देश की संस्कृति और परम्पराएं सबसे पुरानी हैं।”
“हमारे कल्चर में बहुत सी चीजें शानदार हैं। यह जाने बगैर आप पश्चिम को फॉलो कर रहे हैं। वे अपने कल्चर में F शब्द का इस्तेमाल बहुत करते हैं। इसलिए उनके शोज और कंटेंट में यह अननेचुरल नहीं लगता। लेकिन यहां ऐसा नहीं है। क्या आप अपने पैरेंट्स से इस बात करते हैं?”