नई दिल्ली:दुनिया में सबसे ज्यादा सुरक्षित व निश्चिंत माने जाने वाले यूरोप में आतंकी संगठन आईएसआईएस बड़ा खतरा बनकर उभर रहा है। बीते कुछ महीनों में यूरोप के कई शहरों में हमले हुए, जिनमें कई लोगों को जान गंवानी पड़ी। फ्रांस के बाद अब ऑस्ट्रिया के विएना में भी हुए आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है। यूरोपोल की रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोप के भीतर कट्टरपंथियों का एक ऐसा नया गुट पनप रहा है जिसे अपने धर्म के नाम पर हिंसा करने से गुरेज नहीं।
पुराने दिन तो नहीं लौट रहे
यूरोपीय देशों वर्ष 2012 से 2017 के बीच भी तमाम आत्मघाती हमले हुए। बमों-हथियारों से लैस आतंकियों ने स्टेडियम, हवाईअड्डों व कई सार्वजनिक स्थलों को निशाना बनाया जिसमें 100 से ज्यादा लोग मारे गए। इनमें ज्यादातर ऐसे लड़ाके शामिल थे जो खुद को आईएसआईएस के समर्थक बताते थे। एक बार फिर उसी तरह के हालात पैदा हो रहे। फ्रांस के नीस का मामला हो या फिर ऑस्ट्रिया के विएना का, दोनों जगहों पर हमला करने वालों ने खुद को आईएस का समर्थक बताया है। इस्लामिक स्टेट ने भी अमाक न्यूज एजेंसी के जरिए बयान कर आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली। निर्दोष लोगों को गोलियां बरसाते एक आतंकी का वीडियो भी जारी किया है।
कितना बड़ा खतरा
यूरोपोल ने कुछ दिनों यूरोपीय देशों में आतंकवाद की बढ़ती घटनाओं, ट्रेंड पर एक रिपोर्ट जारी की। इसमें बताया कि कैसे महज 20-22 साल के युवा आईएस के चंगुल में फंस रहे हैं और हिंसक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। आतंकियों का मकसद, समाज में भय पैदा करना, फूट डालना, लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करना व खास वर्ग के लोगों का ध्रवीकरण करना है। इसके लिए वे किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। एजेंसी ने कई चिंताएं भी व्यक्त की हैं।
रिपोर्ट की खास बातें
1. यूरोप के कुल 13 देशों में बीते साल 119 आतंकी हमलों की कोशिश हुई, जिनमें तमाम नाकाम कर दिए गए
2. कुल 1004 आतंकियों को गिरफ्तार किया गया, जो आईएसआईएस के समर्थक थे, या हमले की फिराक में थे
3. सबसे ज्यादा आईएस समर्थक बेल्जियम, फ्रांस, इटली, स्पेन और ब्रिटेन में आतंकरोधी एजेंसियों ने गिरफ्तार किए
4. पिछले साल भी यूरोपीय संघ में आतंकवादी हमलों के कारण दस लोगों की मौत हो गई और 27 लोग घायल हो गए
5. इस साल कम से कम 16 लोगों को इन हमलों की वजह से जान गंवानी पड़ी, सभी घटनाएं जेहादी आतंक से जुड़ी थीं
चिंता क्यों ज्यादा
1. वियना का एक हमलावर भी महज 20 साल का था, ऑस्ट्रिया में ही पैदा हुआ लेकिन इस्लामिक स्टेट के लिए लड़ने के लिए सीरिया चला गया था। पकड़ा गया, करीब 22 महीने की सजा हुई, सजा झेलकर लौटा तो फिर आंतकी गतिविधियों का हिस्सा बन गया। हमले से पहले उसने सोशल मीडिया पर एके-47 के साथ तस्वीर भी डाली। आईएस प्रमुख अबू इब्राहिम अल-हाशिमी अल-कुरैशी के प्रति निष्ठा की शपथ भी ली थी।
2. फ्रांस में भी बीते दिनों ऐसा ही हमला देखने को मिला। फ्रांस के दक्षिणी शहर ट्रेब्ज में एक बंदूकधारी ने एक सुपरमार्केट में कुछ लोगों को बंधक बना लिया और दो लोगों की हत्या कर दी। बताया गया कि हमला करने वाले शख्स ने खुद के आईएस से जुड़े होने की बात कही थी।