लखनऊ। दुष्कर्म के मामले में जेल में बंद सपा सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति को शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दो महीने की अंतरिम जमानत दी है। लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज में भर्ती गायत्री प्रसाद प्रजापति ने कोरोना वायरस संक्रमण का हवाला जमानत की याचिका दायर की थी। पूर्व मंत्री की ओर से लखनऊ बेंच में दी गई जमानत अर्जी में दलील दी थी कि वे जिस वार्ड में भर्ती हैं, वहां से कोरोना वार्ड की दूरी ज्यादा नहीं है। लिहाजा उनको कोरोना इंफेक्शन का खतरा है। ऐसे में उन्हें बाहर बेहतर इलाज करवाने के लिए जमानत दी जाए। हाईकोर्ट ने केजीएमयू से पूछा था कि क्या गायत्री को केजीएमयू में कोरोना इंफेक्शन होने का ख़तरा है? इस पर हाईकोर्ट में केजीएमयू की ओर से दी गई रिपोर्ट में कहा था कि अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज होता है। इसलिए यहां भर्ती या आने जाने वाले किसी भी मरीज को कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक है।
18 जुलाई, 2017 को लखनऊ में पॉक्सो की विशेष अदालत ने इस मामले में गायत्री समेत सभी सात अभियुक्तों पर आईपीसी की धारा 376डी, 354 ए(1), 509, 504 व 506 में आरोप तय किया था। साथ ही गायत्री, विकास, आशीष व अशोक के खिलाफ पॉक्सो ऐक्ट की धारा 5जी/6 के तहत भी आरोप तय किया था। गैंगरेप के आरोपी पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति ने करीब नौ महीने से लखनऊ केजीएमयू के प्राइवेट रूम में रहकर इलाज के नाम पर मौज कटा था। डिस्चार्ज के बाद भी जेल जाने को कतई तैयार नहीं था। इस दौरान हंगामा शुरू हुआ था परिजनों ने बवाल काटा था। गायत्री व उनके समर्थकों का करीब पांच घंटे तक ड्रामा किया था। इसके बाद वजीरगंज पुलिस गायत्री को जबरन उठाकर ले गई। रात में जेल पहुंचे गायत्री ने जेल में भी हंगामा किया। हालांकि जेल प्रशासन ने उसे बैरक में बंद करा दिया।
यूपी के पूर्व मंत्री सपा नेता गायत्री प्रजापति को जमानत, रेप केस में जेल में हैं बंद
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