लंदन:पंजाब नेशनल बैंक के साथ करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी और धनशोधन मामले में भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी के खिलाफ ब्रिटेन में चल रहे प्रत्यर्पण मामले में फैसला एक दिसंबर के बाद सुनाया जाएगा। लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में बृहस्पतिवार को निर्धारित सुनवाई के दौरान जिला न्यायाधीश सैमुअल गूजी मामले में सात से 11 सितंबर के बीच दूसरे चरण की सुनवाई के लिए सहमत हुए।
अगले महीने होने वाली सुनवाई में 49 वर्षीय नीरव मोदी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला स्थापित करने पर बहस पूरी कर ली जाएगी और इस दौरान प्रत्यर्पण अनुरोध पर भी विचार किया जाएगा। भारतीय अधिकारियों ने प्रत्यर्पण का अनुरोध किया है और इस वर्ष की शुरुआत में ब्रिटिश गृह मंत्री प्रीति पटेल ने प्रमाणित किया था। इस मामले में सबूतों के गायब करने और गवाहों को धमकी देने का भी आरोप है।
अदालत ने तीन नवंबर को अतिरिक्त सुनवाई भी निर्धारित की है। इसके बाद एक दिसंबर को दोनों पक्ष अपनी अंतिम दलीलें देंगे। इसलिए इस मामले में कोई भी निर्णय अब दिसंबर में अंतिम सुनवाई के बाद ही आने की उम्मीद है। बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान, नीरव मोदी के वकीलों ने भारत से उनके एक गवाह के खिलाफ “राजनीतिक पूर्वाग्रह” के आरोपों को लेकर चिंता जताई।
अमेरिका में नीरव मोदी की कंपनियों की दिवाला प्रक्रिया, पीएनबी को 24 करोड़ रुपए मिले
इससे पहले कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने बीते 25 अगस्त को बताया था कि अमेरिका में नीरव मोदी की तीन कंपनियों के खिलाफ जारी दिवाला प्रक्रिया के तहत पंजाब नेशनल बैंक को पहली किस्त में 24 करोड़ रुपए की वसूली हुई है। मंत्रालय ने कहा कि 2018 में पीएनबी ने मंत्रालय को अमेरिका में नीरव मोदी की कंपनियों के बारे में जानकारी दी थी। इन कंपनियों ने वहां न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले में दिवाला सुरक्षा के तहत याचिका दायर की थी। पंजाब नेशनल बैंक ने तब मंत्रालय से न्यूयार्क में दिवाला प्रक्रिया में मदद करने का अनुरोध किया था।
मंत्रालय की विज्ञप्ति में इसकी जानकारी देते हुए कहा गया है कि पीएनबी ने उसे सूचित किया है कि बैंक को उसके बकाए की वसूली के तौर पर 32.5 लाख डॉलर (24.33 करोड़ रुपए) की पहली किस्त प्राप्त हुई है। इसमें कहा गया है कि कर्जदार की संपत्ति के परिसमापन से अमेरिका के चैप्टर 11 ट्रस्टी के पास 1.10 करोड़ डॉलर (करीब 82.66 करोड़ रुपए) की राशि उपलब्ध है जिसे पीएनबी सहित बिना सुरक्षा प्रावधान वाले ऋणदाताओं में वितरित किया जाएगा। आगे की वसूली अन्य खर्चो और दूसरे दावेदारों के दावों के निपटान पर निर्भर करेगी। कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय का कहना है कि विदेश में कंपनी धोखाधड़ी के खिलाफ लड़ाई में 32.5 लाख डॉलर की यह पहली प्राप्ति भारत सरकार और कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के लिए अप्रत्याशित सफलता है। मंत्रालय ने नीरव मोदी और मेहुल चोकसी द्वारा प्रवर्तित कंपनियों से धन उगलवाने के लिए भी प्रक्रिया शुरू की है।