सिलीगुड़ी। आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी सुशिष्या साध्वी श्री डॉ पीयूष प्रभा जी ठाना 4 के प्रेरणा से सिलीगुड़ी में तप की गंगा बह गई। कोरोना महामारी के विकट परिस्थिति में भी काफी संख्या में भाई बहनों ने तपस्या किए। उदासर निवासी सिलीगुड़ी प्रवासी श्रीमान बेगराज जी स्वर्गीय श्रीमती इच्यू देवी महनोत के सुपौत्री एवं श्री दीपक जी श्रीमतीं रानू जी महनोत की सुपुत्री 11 वर्षीय सुश्री श्रद्धा महनोत ने उठाई करके तप की अलख जगाई है।एक दिन निराहार रहना बहुत ही मुस्किल होता है।तप वही कर सकते है जिनका मनोवल मजबूत हो दृढ हो।छोटी सी तपसन श्रद्धा महनोत के तपस्या के लिए साध्वी श्री संगीत श्री जी ठाना 4 का मंगल संदेश गीतिका(वीडियो)के द्वारा प्राप्त हुआ।साध्वी श्री निर्माणश्री जी ठाना का मंगल संदेश प्राप्त हुआ।यहां विराजीत साध्वी श्री डॉ पीयूष प्रभा जी ठाना 4 ने छोटी सी तपशन की तपस्या के लिए तपशन को गीतिका सुनाए ओर मंगलपाठ सुनाए।
श्रद्धा का पारणा सुखसाता पूर्वक हुआ। सिलीगुड़ी के सभी भाई और बहनों ने जैसे तेरापंथ महिलामण्डल ओर तेरापंथ युवक परिषद ज़ूम अप्प के माध्यम से तप अभिनंदन कार्यक्रम रखे सभी तपसी भाई बहनों के लिए। छोटी सी तपसन सुश्री श्रद्धा महनोत को सभी के तरफ से साता पूछते है और बारम्बार अनुमोदना करते है।
समाचार प्रदाता: शशिकला बैद
पर्युषण पर्व पर सिलीगुड़ी में बही तप गंगा, कोरोना काल में खूब हुई तपस्या
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