नई दिल्ली:गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल की 41वीं बैठक खत्म हो गई है। इस बैठक राज्यों को दिए जाने वाले कंपनसेशन पर चर्चा हुई। वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने बताया कि राज्यों को कंपनसेशन के दो विकल्पों पर चर्चा हुई है। इन दोनों विकल्पों पर विचार के लिए राज्यों ने 1 सप्ताह का समय मांगा है। वित्त सचिव ने बताया कि कंपनसेशन की यह व्यवस्था केवल वित्त वर्ष 2021 के लिए रहेगी। वित्त सचिव ने वित्त वर्ष 2021 में 65 हजार करोड़ रुपए के कंपनसेशन सेस कलेक्शन की उम्मीद जताई।
ये हैं दोनों विकल्प
- पहला विकल्प केंद्र उधार लेकर भुगतान करे।
- दूसरा विकल्प राज्य खुद आरबीआई से उधार लें।
वित्त वर्ष 2021 में 2.35 लाख करोड़ का जीएसटी शॉर्टफॉल
वित्त सचिव ने बताया कि वित्त वर्ष 2021 में 2.35 लाख करोड़ का जीएसटी शॉर्टफॉल रह सकता है। इसमें से केवल 97 हजार करोड़ रुपए का शॉर्टफॉल जीएसटी लागू करने से होगा। जबकि शेष राशि का शॉर्टफॉल कोरोना महामरी के कारण होगा। वित्त सचिव ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण जीएसटी कलेक्शन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। वित्त सचिव के मुताबिक, अटॉर्नी जनरल ने राय दी है कि जीएसटी कलेक्शन के शॉर्टफॉल की पूर्ति कंसोलिडेटेड फंड ऑफ इंडिया से नहीं की जा सकती है।
जीएसटी दर बढ़ाने पर चर्चा नहीं: वित्त सचिव
वित्त सचिव ने बताया कि काउंसिल की बैठक में जीएसटी दरों में बढ़ोतरी को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। वित्त सचिव ने चालू वित्त वर्ष में 3 लाख करोड़ रुपए के कंपनसेशन कलेक्शन की उम्मीद जताई है। वित्त सचिव ने बताया कि राज्यों के जीएसटी कंपनसेशन के लिए अप्रैल से जुलाई अवधि का 1.5 लाख करोड़ रुपए बकाया है। कोरोनावायरस महामारी की ओर संकेत देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में दैवीय घटना की वजह से अर्थव्यवस्था में गिरावट आएगी।
दोपहिया वाहनों पर भी घट सकता है जीएसटी
ऑटोमोबाइल सेक्टर लंबे समय से दोपहिया वाहनों पर लगने वाले जीएसटी में कटौती की मांग कर रहा है। मौजूदा समय में दोपहिया वाहनों पर 28 फीसदी जीएसटी लगता है। ऑटोमोबाइल सेक्टर से जुड़े लोग इसे घटाकर 18 फीसदी करने की मांग कर रहे हैं। बजाज ऑटो के एमडी राजीव बजाज का कहना है कि यदि जीएसटी दर घटकर 18 फीसदी पर आ जाती है तो दोपहिया वाहनों की कीमत 10 हजार रुपए तक कम हो सकती है।
वित्त मंत्री ने भी दिए जीएसटी घटाने के संकेत
जीएसटी घटाने के सुझाव पर वित्त मंत्री ने कहा कि ये वास्तव में एक अच्छा सुझाव है, इसे जीएसटी काउंसिल की बैठक में उठाया जाएगा, क्योंकि टू-व्हीलर न तो लग्जरी आइटम है और न ही नुकसानदेह आइटम। इस वक्त टू-व्हीलर पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है। सीआईआई की तरफ से कहा गया कि वित्त मंत्री ने भरोसा दिया कि इंडस्ट्री की ओर से दिया गया ये एक बेहतर सुझाव है, इसलिए टू-व्हीलर की जीएसटी दरों में बदलने के बारे में सोचा जाएगा।