बर्लिन:संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी एजेंसी ने बुधवार (26 अगस्त) को कहा कि ईरान ने उन दो संदिग्ध स्थलों पर निरीक्षकों को जाने की अनुमति देने पर सहमति व्यक्त की है, जहां पर अघोषित परमाणु सामग्री का भंडारण करने या उनका उपयोग करने का संदेह जताया गया है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने कहा, ”ईरान स्वेच्छा से आईएईए द्वारा निर्दिष्ट दो स्थानों तक उसकी पहुंच प्रदान कर रहा है और मुद्दों को सुलझाने के लिए आईएईए सत्यापन गतिविधियों की सुविधा प्रदान कर रहा है।”
ईरान के साथ एक संयुक्त बयान में एजेंसी ने कहा कि निरीक्षण के लिए तारीखों पर सहमति हुई है, लेकिन यह नहीं बताया कि निरीक्षण कब होंगे। इन निरीक्षणों से ईरान और आईएईए के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद का हल हो जाएगा। यह घोषणा तब हुई जब एजेंसी के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी दिसंबर में कार्यभार संभालने के बाद ईरान की अपनी पहली यात्रा के बाद वियना जा रहे थे।
ईरान उन स्थानों तक पहुंच प्रदान करने का विरोध करता रहा है, जिनको लेकर 2000 के दशक की शुरुआत से संदेह जताया जा रहा है। विश्व महाशक्तियों के साथ 2015 के परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने से पहले तक ईरान कहता रहा कि आईएईए के पास निरीक्षण करने का कोई कानूनी आधार नहीं है। ईरान की परमाणु एजेंसी के प्रमुख अली अकबर सालेही ने पुष्टि की कि ईरान ने निरीक्षणों के लिए सहमति व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि “इससे मामला समाप्त हो जाएगा।”
उन्होंने कहा, ”हम संधियों और हमारी प्रतिबद्धताओं के प्रति ईमानदार हैं।” उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि समझौते से ईरान और आईएईए के बीच एक नया अध्याय शुरू होगा, जो अच्छे इरादों और आपसी स्वीकृति पर आधारित होगा। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि ग्रॉसी की यात्रा से एक अच्छा समझौता निकलकर सामने आया है जो एक सही और उचित मार्ग पर आगे बढ़ने और समस्याओं के अंतिम समाधान को प्राप्त करने में मदद कर सकता है।