साउथ हावडा। महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी सुशिष्या साध्वी स्वर्णरेखाजी के सानिध्य में समयानुकूल टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए वर्चुअल के माध्यम से क्षमायाचना का कार्यक्रम आयोजित किया गया। साध्वीश्री ने क्षमा पर्व की महत्ता को उजागर करते हुए श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए फरमाया – जैन धर्मावलंबियों के लिए क्षमा को दस धर्मों के अंतर्गत लिया गया है। धर्म का ह्यर्द है – क्षमा। क्षमा ऐसी औषध जो एक भव के नहीं अनेक भवों का इलाज करने में समर्थ है। जो इसके अर्थ को सही रूप से जान लेता है वह मानसिक प्रसन्नता के रस में दसों अंगुलियों को डुबा देता है क्योंकि बात और बाल को जितना काटेंगे उतनी बढ़ती जायेगीं। अतः अंतर से निशल्य बनकर अभिमान पर ब्रेक लगा दे जहाँ अभिमान एवं क्रोध वहाँ कटुता का पानी जहर घोलता जाएगा। भ. महावीर भी अपने जीवन में अपमान, उपसर्गों को सहन करके क्षमाशूर कहलाए। हम सौभाग्यशाली हैं कि तीर्थंकर तुल्य क्षमाशूर आचार्य श्री महाश्रमणजी का आसन – शासन प्राप्त है जो सबको क्षमा धर्म को अपनाने की सीख सम्यकत्वश्री को सुरक्षित रखने के लिए देते रहते हैं।
साध्वी वृंद ने पूज्य चरणों में श्रद्धा – अर्ध्य समर्पित करते हुए क्षमा – याचना की तथा समूचे संघ से नत होकर खमत – खामणा किया। सभी संघीय – स्थानीय सभाओं से जान – अनजान में हुई वैर – विरोध को दूर करने की बात कहते हुए संपूर्ण श्रावक समाज से क्षमा याचना की। क्षमा को धारण करने धरती जो क्षमा का पर्याय है क्योंकि उसके पेट में पेट्रोल भी हैं एवं पानी भी। वह पेट्रोल को उबलने से रोकने के लिए पानी का छिड़काव करती रहती है अतः हम भी क्रोध रूपी वैर – विरोध कलुषता रूपी पेट्रोल में क्षमा के पानी का छिड़काव करते रहें तभी क्षमा पर्व की सार्थकता हो सकेगी।
क्षमा यापना के इस महनीय कार्यक्रम का प्रारम्भ अर्हम मंडल के मंगलाचरण से हुआ। कार्यक्रम में महासभा अध्यक्ष श्री सुरेश गोयल, मुख्य न्यासी श्री भंवरलाल बैद, एवं विभिन्न केन्द्रीय संस्थाओं के पदाधिकारी श्री बन्नेचन्द मालू, तुलसी कुमार दुगड़, कमल दुगड़, बिनोद बैद, सुरेन्द्र दुगड़, भीकमचंद पुगलिया, सुशील जैन (चोरडिया), अनन्त बागरेचा, श्रीमती शांता पुगलिया, साउथ हावडा अध्यक्ष सुशील गिडीया, संजय नाहटा, लक्ष्मी गिडीया, पवन बेंगाणी, बिरेन्द्र सेठिया, कोलकाता सभाध्यक्ष बुधमल लूणिया एवं स्थानीय सभा के राकेश संचेती, अरुण नाहटा, मनोज सिंघी, खेमचन्द रामपुरिया, संजय सिंघी, नागराज बरमेचा, मानक नाहटा, स्वरूपचंद संचेती, उम्मेद नाहटा, राजेन्द्र संचेती, दिलीप चोपड़ा, गुलाबचंद बाफना एवं ललित छाजेड़ ने अपनी भावनाएं व्यक्त की। कार्यक्रम के अंत मे महासभा अध्यक्ष श्री सुरेश गोयल ने सम्पूर्ण श्रावक समाज के परम पूज्य गुरुदेव से एवं साध्वी वृन्द से खमतखामणा करवाये। प्रतीक्षा बोहरा एवं उनकी पूरी टीम ने टेक्नोलॉजी के द्वारा कार्यक्रम को सफल बनाने में अपने श्रम एवं समय का अमूल्य नियोजन किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन सभा के कर्मठ मंत्री बसन्त पटावरी ने किया।
साउथ हावड़ा में वर्चुअल के माध्यम से क्षमायाचना कार्यक्रम का आयोजन
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