नई दिल्ली:दक्षिण चीन सागर पर कब्जे की नीयत रखने वाले चीन ने वहां एक भूमिगत सैन्य बेस तैयार कर लिया है। एक अमेरिकी कंपनी ने उपग्रह तस्वीर जारी करके चीन के इस अतिक्रमण का खुलासा किया। तस्वीर में एक चीनी पनडुब्बी भूमिगत सैन्य बेस का उपयोग करती देखी जा सकती है।
सैन्य गतिविधियों पर नजर रखने वाली कंपनी प्लेनेट लैब्स ने उपग्रह तस्वीरों के जरिए दावा किया कि दक्षिण चीन सागर के हैनान द्वीप में भूमिगत सैन्य बेस बनाया गया है। जिसका नाम यूलिन सैन्य बेस है। 18 अगस्त को इस बेस से 093 परमाणु शक्ति जैसी शक्ति वाली एक पनडुब्बी भूमिगत ठिकाने में प्रवेश करती देखी गई, जिसे उपग्रह तस्वीरों में कैद किया गया।
नौसेना संपत्तियों के लिए अहम क्षेत्र
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह स्थान चीन की नौसेना संपत्तियों की सुरक्षा व सुविधाओं के लिए तैयार किया जा रहा है। चीन के पास समुद्र के अंदर ठिकाना संचालित करने की क्षमता आ गई है। इस बेस से हांगकांग लगभग 470 किलोमीटर दूर है। इस तरह चीन को भविष्य में हांगकांग या उसके आसपास के क्षेत्र में आने वाली किसी भी बड़ी चुनौती से निपटने में मदद मिलेगी।
अमेरिकी विशेषज्ञ ने शक जाहिर किया
इसके बारे में अमेरिकी रक्षा विभाग के पूर्व अफसर रहे ड्रू थॉमसन का कहना है कि पनडुब्बी की तस्वीर सामने आना एक दुर्लभ घटना है। उन्होंने शक जाहिर करते हुए कहा कि यह बहुत असाधारण बात है कि एक व्यावसायिक उपग्रह को भूमिगत सैन्य ठिकाने पर उतारा गया, वो भी ठीक उस वक्त जब आसमान में बादल थे। उनका कहना है कि यह संभव है कि बीजिंग इसी तरह अपने सैन्य हार्डवेयर को ऐसे गोपनीय ठिकानों पर छिपाने लगा हो।
भारत के व्यापार के लिए दक्षिण चीन सागर अहम
दक्षिण चीन सागर के जरिए भारत लगभग 200 अरब डॉलर का व्यापार करता है। साथ ही इस क्षेत्र के तीन देशों चीन, जापान और दक्षिण कोरिया में हजारों भारतीय शिक्षा और रोजगार के लिए जाते हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है कि इस क्षेत्र पर चीन को एकाधिकार करने से रोका जाए।