स्टाफ रिपोर्टर/मुंबई। देश में कोरोना भयावह स्थितियों में है। लगातार मामलों के साथ मौतें भी बढ़ रही हैं वहीं सुविधाओं के लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। ऐसे में महाराष्ट्र को लेकर हुए एक आरटीआई खुलासे में जो बात सामने आई है, बावजूद इसके राज्य सरकार को वह सफलता नहीं मिली है, जो मिलनी चाहिए। जानकारी के अनुसार, केंद्र द्वारा महाराष्ट्र को सर्वाधिक मास्क, किट्स, टैबलेट और वेंटिलेटर मिले हैं। यह जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने दी है। जिसके अनुसार, अब तक कुल 2.18 करोड़ एन 95 मॉक, 1.21 करोड़ पीपीई किट्स, 6.12 करोड़ एचसीक्यू टैबलेट और 9150 वेंटिलेटर केंद्र सरकार ने पूरे देश में आबंटित किए हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग से 1 मई 2020 को कोविड 19 अंतर्गत राज्यों को आबंटित उपकरण और साम्रगियों की जानकारी मांगी थी। इसकी जानकारी देने से इनकार करने पर अनिल गलगली ने 1 जून 2020 को दायर प्रथम अपील पर उन्हें जानकारी देने का आदेश मंत्रालय के निदेशक राजीव वाधवान ने जारी किया और साम्रगी की जानकारी अनिल गलगली को देने के लिए एचएलएल लाइफ केअर लिमिटेड को दिया।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अवर सचिव जी के पिल्लई ने अनिल गलगली को 10 जुलाई 2020 तक राज्य,केंद्र शासित राज्यों को आबंटित उपकरणों की लिस्ट दी हैं। इस लिस्ट के अनुसार केंद्र सरकार ने पूरे देश में 2.18 करोड़ एन 95 मॉक, 1.21 करोड़ पीपीई किट्स, 6.12 करोड़ एचसीक्यू टैबलेट और 9150 वेंटिलेटर का आबंटन किया हैं। इसमे सर्वाधिक लाभ महाराष्ट्र की शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की महाविकास आघाडी को हुआ हैं। आघाडी सरकार को 21.84 लाख एन 95 मॉक, 11.78 लाख पीपीई किट्स, 77.20 लाख एचसीक्यू टैबलेट और 1805 वेंटिलेटर का समावेश हैं। वैसे केंद्र सरकार ने केंद्रीय संस्थाओं के लिए जो प्रावधान किया हैं। इसमें 26.61 लाख एन 95 मॉक, 14.38 लाख पीपीई किट्स, 57.32 लाख एचसीक्यू टैबलेट और 330 वेंटिलेटर का समावेश हैं।
सबसे अधिक डिमांड है वेंटिलेटर की!
पूरे देश में 17,938 वेंटिलेटर की जरुरत हैं। केंद्र सरकार ने इसमें से सिर्फ 9150 ही वेंटिलेटर का आबंटन किया हैं। सिर्फ छत्तीसगढ़ , उत्तराखंड, चंडीगढ़, पुदुच्चेरी और ओडिसा को शत प्रतिशत वेंटिलेटर आबंटित किए गए। जबकि सिक्किम, लक्षद्वीप, लदाख अब भी वेंटिलेटर से वंचित हैं। महाराष्ट्र को अब भी 1770, कर्नाटका को 1020, आंध्रप्रदेश को 914, उत्तर प्रदेश को 811, राजस्थान को 706, तमिलनाडु को 529 वेंटिलेटर की आवश्यकता है। अनिल गलगली का कहना है कि सरकार इसतरह के जनहितकारी मामलों की जानकारी आरटीआई एक्ट 2005 की धारा 4 के तहत वेबसाइट पर अपलोड करनी चाहिए ताकि जनता को पता चले कि सरकार का योगदान क्या हैं?