नई दिल्ली:2002 नैटवेस्ट ट्ऱॉफी का फाइनल मैच शायद ही कभी कोई भारतीय क्रिकेट फैन भूल पाए। सौरव गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को लॉर्ड्स मैदान पर हराकर ट्रॉफी अपने नाम की थी। इसी मैच में गांगुली ने लॉर्ड्स की बालकनी में अपनी टी-शर्ट निकालकर हवा में लहराई थी और जीत का जश्न मनाया था। इस फाइनल मैच को लेकर उस समय के विकेटकीपर बल्लेबाज अजय रात्रा ने एक खास बात बताई है। उन्होंने बताया कि किस तरह टीम का मनोबल बढ़ाने के लिए सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर ने पूरी टीम से एक ही बात कही थी।
नैटवेस्ट सीरीज के फाइनल मैच से जुड़े तमाम किस्से हैं। इस मैच से जुड़े अलग-अलग क्रिकेटर्स इन किस्सों को शेयर करते रहे हैं। इससे पहले भी टीम इंडिया ने हार को जीत में बदला है, लेकिन नैटवेस्ट ट्रॉफी फाइनल की बात ही कुछ और थी। इंग्लैंड ने उस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में पांच विकेट पर 325 रन बना लिए थे। इसके बाद किसी ने नहीं सोचा था कि भारत 326 के बड़े लक्ष्य का पीछा कर पाएगा। 18 साल पहले 300+ का लक्ष्य बहुत मुश्किल माना जाता था, इसके अलावा मैच इंग्लैंड के होम ग्राउंड पर हो रहा था। सचिन, सौरव और राहुल ने टीम इंडिया के लक्ष्य का पीछा करने उतरने से पहले सभी खिलाड़ियों का मनोबल उठाने के लिए एक बात कही थी।
‘राहुल, सचिन और सौरव ने कही थी एक ही बात’
तीनों ने साथ में कहा, ‘हम अपना नैचुरल गेम खेलेंगे, फिर देखा जाएगा कि मैच किस ओर जाता है।’ हिन्दुस्तान टाइम्स से बातचीत में अजय रात्रा ने कहा, ‘2002 में 325 रन बड़ा स्कोर होता था, वो भी लॉर्ड्स पर खेले जा रहे फाइनल मैच में, जहां इंग्लैंड का रिकॉर्ड शानदार है। इंग्लैंड ने उस टूर्नामेंट में काफी अच्छा खेल दिखाया था। ऐसे में जब हमारी पारी शुरू हुई तो ड्रेसिंग रूम का माहौल कुछ अच्छा नहीं था, लेकिन सभी पॉजिटिव सोच रहे थे। सचिन, राहुल और दादा ने हमसे कहा था कि हम अपना नैचुरल गेम खेलेंगे, फिर देखेंगे कि मैच किस ओर जाता है। इस बात ने सभी का मनोबल बढ़ा दिया था।’
‘हमें पता था कि हमारे पास अच्छा बैटिंग लाइन-अप है’
उन्होंने आगे कहा, ‘हमें पता था कि हमारे पास अच्छा बैटिंग लाइन-अप है। वीरू, गांगुली ने अच्छी शुरुआत दी। जब आप बड़े लक्ष्य का पीछा कर रहे होते हैं तो आपके पास मौके कम होते हैं। दादा और वीरू ने जिस तरह से हमें तेज शुरुआत दी, सबका कॉन्फिडेंस बढ़ गया था। हमें पता था कि हमारे बैटिंग ऑर्डर में गहराई है। राहुल इस मैच में विकेटकीपर के तौर पर खेल रहे थे, तो हमारे पास सात स्पेशलिस्ट बल्लेबाज थे, हमने बीच में चार-पांच विकेट जल्द गंवाए लेकिन अच्छी बात दी थी कि लक्ष्य का पीछा करते हुए हम लोगों का रिक्वायर्ड रन-रेट मेनटेन था।’ भारत ने 146 रनों तक पांच विकेट गंवा दिए थे। गांगुली और सहवाग ने पहले विकेट के लिए 106 रन जोड़े थे।
रात्रा ने बताया, ‘जब पांच विकेट गिर गए थे, तो मैं वहां युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ को ड्रिंक्स देने गया था। मैं उस मैच में खेल नहीं रहा था। हमारे बीच बात हुई थी कि हमें प्रति गेंद एक रन से ज्यादा चाहिए। हमें बस कॉन्फिडेंट बने रहना है। लेकिन जिस तरह से उन दोनों ने अपने शॉट्स खेले, पुल्स, कवर के ऊपर से… मुझे लगता है कि वो कैफ की बेस्ट पारी थी।’ युवराज सिंह ने 69 रन बनाए थे, जबकि कैफ 87 रन बनाकर नॉटआउट लौटे थे, जबकि भारत ने दो विकेट से जीत दर्ज की थी।
‘गांगुली के टी-शर्ट उतारने के पीछे एक इतिहास है’
मैच के बाद गांगुली ने लॉर्ड्स की बालकनी में टी-शर्ट उतारी थी। रात्रा ने बताया कि इसके पीछे का एक इतिहास है। उन्होंने कहा, ‘इसके पीछे एक इतिहास है। हमने कुछ महीने पहले भारत में इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज खेली थी। उस सीरीज में मैंने ईडन गार्डन्स मैदान पर अपना डेब्यू मैच खेला था। सीरीज 3-3 से ड्रॉ हुई थी। एक समय हम 3-1 से आगे थे, लेकिन इंग्लैंड ने आखिरी दो मैच जीतकर सीरीज ड्रॉ करा ली थी। वानखेड़े में खेले गए मैच में इंग्लैंड की जीत पर फ्लिंटॉफ ने टी-शर्ट उतारकर जश्न मनाया था। वो पल सबको याद रह गया था। हम सभी को पता है कि दादा अग्रेसिव खिलाड़ी हैं। वो चीजों को याद रखते हैं और मौका मिलने पर उसका करारा जवाब देते हैं। तो लॉर्ड्स के मैदान पर फ्लिंटॉफ को दादा ने जबर्दस्त जवाब दिया था। हम टीम के तौर पर काफी अच्छा खेले थे।’
रात्रा ने कहा, ‘सच कहूं तो वो सबके लिए काफी हैरानी भरा था। कोई युवा क्रिकेटर जैसे कि युवराज सिंह, हरभजन सिंह अगर ऐसा करते तो समझ में आता लेकिन दादा का ऐसा करना सबके लिए अलग था। हर कोई हैरान रह गया था, लेकिन हम सभी बहुत ही खुश थे। उस जीत के बाद जश्न देर रात तक चला था।’