मुंबई:मीरा-भाईंदर मनपा ने भाईंदर पूर्व के बालासाहेब ठाकरे मैदान में कोविड-19 अलगीकरण केंद्र बनाने का निर्णय लिया है। ठाकरे मैदान में 700 बेड की क्षमता होगी और इस पर 12 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
मनपा की माली हालत को देखते हुए आयुक्त के इस फैसले पर सवाल उठाए जा रहे हैं। समाज सेवक रोहित सुवर्णा कहते हैं कि शहर में ऐसी बहुत सी इमारतें और खाली संस्थान हैं, जहां कम पैसे में अलगीकरण केंद्र बनाया जा सकता है। सुवर्णा कहते हैं कि यह निर्णय पैसों की बर्बादी है।
भाईंदर पश्चिम के राधा-स्वामी सत्संग मैदान में 500-700 बेड का इंतजाम हो सकता है और वहां की संस्था उसे देने को भी तैयार है। लेकिन आयुक्त ने वहां अलगीकरण केंद्र न बनाकर बालासाहेब ठाकरे मैदान में बनाने का निर्णय लिया है। कई सामाजिक संस्थाओं ने इसका विरोध भी किया है। जानकारों की मानें तो सत्संग मैदान में बरसात में पानी भरने का खतरा होने के कारण यह फैसला लिया गया है।
विधायक गीता जैन कहती हैं कि अलगीकरण केंद्र बनाने के लिए पहले वैकल्पिक खाली पड़ी इमारतों का इस्तेमाल होना चाहिए। वे कहती हैं कि उन्होंने स्वयं भूतपूर्व आयुक्त को ऐसी 7 जगहों की सूची सौंपी थी, जहां बहुत कम खर्च में 600-700 बेड की व्यवस्था हो सकती थी।
एमएमआरडीए द्वारा मीनाताई ठाकरे सभागृह (168 बेड) और प्रमोद महाजन सभागृह (305 बेड) के कोविड-19 अलगीकरण केंद्र और अस्पताल को 15 जुलाई तक बनाकर देना था, लेकिन आने वाले 15 दिन तक भी इसके बनने जी उम्मीद नही दिख रही है। प्रशासन की इस सुस्ती का विपरीत असर कोरोना की लड़ाई पर पड़ रहा है।