मुंबई:कोरोना वायरस महामारी का कहर हर क्षेत्र पर देखने को मिल रहा है। इंडिगो ने इस बात का ऐलान किया है कि कोरोना महामारी के चलते पैदा हुए आर्थिक संकट के चलते 10 फीसदी कर्मचारियों को हटाया जाएगा। इस बात की जानकारी कंपनी के सीईओ रोनोजॉय दत्ता ने सोमवार की दी।
दत्ता ने एक बयान में कहा, “जहां से चीजें वर्तमान में खड़ी हैं, हमारी कंपनी के लिए इस आर्थिक चुनौतियों के बीच से कुछ बलिदान किए बिना उड़ान भरना असंभव है, ताकि हमारे व्यवसाय के संचालन को बनाए रखा जा सके।”
उन्होंने कहा, “इसलिए सावधानी पूर्वक आकलन और सभी संभावित परिदृश्यों की समीक्षा के बाद यह साफ हुआ है कि हमें अपने 10 फीसदी कर्मचारियो को हटाना पड़ेगा। इतिहास में ऐसा पहली बार है जब इंडिगो को यह पीड़ादायक कदम उठाना पड़ रहा है।” 31 मार्च 2019 तक इंडिगो एयरलाइंस के पास 23,531 कर्मचारी पेरॉल पर थे।
दत्ता ने कहा कि इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को उनके ‘नोटिस पीरियड (नौकरी छोड़ने या निकालने की पूर्व सूचना अवधि) का वेतन दिया जाएगा। इसका भुगतान उनके सकल वेतन के आधार पर किया जाएगा।
बयान में कहा गया है कि नोटिस पीरियड के भुगतान के अलावा हटाए जाने वाले कर्मचारियों का कंपनी से निकालने का भुगतान भी किया जाएगा। इसकी गणना उनके वेतन पर आने वाली कंपनी की मासिक लागत (कॉस्ट टू कंपनी-सीटीसी) के आधार पर की जाएगी। यह वेतन उनकी नौकरी की अवधि के प्रत्येक वर्ष के आधार पर अधिकतम 12 महीने के लिए दिया जाएगा।
आसान भाषा में समझें तो यदि कोई कर्मचारी छह साल से इंडिगो के साथ है तो उसे सीटीसी के हिसाब से छह माह का वेतन दिया जाएगा। वहीं जिस कर्मचारी ने 12 वर्ष या उससे अधिक अवधि के लिए अपनी सेवाएं इंडिगो दी हैं तो उसे कंपनी से निकाले जाने का अधिकतम 12 महीने का ही वेतन दिया जाएगा।
दत्ता ने स्पष्ट किया कि नौकरी से निकाले जाने वाले प्रत्येक कर्मचारी को उपरोक्त दोनों तरह के वेतन मिलाकर न्यूनतम तीन माह का वेतन मिलेगा। उपरोक्त गणना के हिसाब से जिस कर्मचारी ने कंपनी के साथ ज्यादा वक्त बिताया है उसे उतना अधिक वेतन मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले क्षेत्र यात्रा और पर्यटन ही रहे हैं। इसका बुरा असर विमानन उद्योग पर पड़ा है। देश में चले करीब दो महीने के लॉकडाउन और अंतरराष्ट्रीय यात्राओं पर रोक के चलते विमानन उद्योग के लिए अपने खर्चे पूरे करना भी मुश्किल हो रहा है। इस वजह से देश में प्रत्येक विमानन कंपनी ने लागत कटौती के उपाय अपनाए हैं। इसमें कर्मचारियों की छंटनी से लेकर उन्हें बिना वेतन के अवकाश पर भेजने जैसे उपाय शामिल हैं।
दत्ता ने कहा कि छंटनी से प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को उनके सालाना बोनस और प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन राशि का भी भुगतान किया जाएगा। वहीं उनका स्वास्थ्य बीमा सुरक्षा कवर दिसंबर 2020 तक बरकरार रहेगा। इतना ही नहीं, यदि प्रभावित होने वाले कर्मचारियों में से कोई अपने गृह नगर वापस जाना चाहता है तो इंडिगो उन्हें एक तरफ का हवाई यात्रा टिकट देकर मदद भी करेगी।