नई दिल्ली:टीम इंडिया के पूर्व मिडिल ऑर्डर बैट्समैन एस बद्रीनाथ एक अच्छे बैट्समैन होने के बावजूद इंटरनेशनल क्रिकेट में मात्र दस मैच खेल पाए। घरेलू क्रिकेट में उनकी उपलब्धियों की लिस्ट काफी लंबी है लेकिन इसके बावजूद इंटरनेशनल लेवल पर यह बल्लेबाज उतना लकी नहीं रहा। हमारे सहयोगी हिन्दुस्तान टाइम्स से बात करते हुए बद्रीनाथ ने इसका कारण बताया है। उनके मुताबिक उन्होंने टीम में जगह बनाने के लिए सबकुछ किया लेकिन सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर और युवराज सिंह जैसे बेहतरीन बल्लेबाज होने की वजह से उनको मौका नहीं मिल पाया।
ब्रद्रीनाथ ने कहा कि उन्हें बैटिंग के साथ अपनी बॉलिंग पर भी ध्यान लगाना चाहिए था। वो बोले कि अगर मैं ऐसा कर पाता तो मैं टीम इंडिया के ज्यादा से ज्यादा मैच खेल पाता। उन्होंने आगे कहा वो एक अच्छे स्पिनर थे और कुछ विकेट भी हासिल कर चुके थे। उस समय मेरे पास कोई मदद के लिए भी नहीं था। मैं अपनी बैटिंग पर ध्यान देने के अलावा बॉलिंग पर ध्यान देकर एक ऑलराउंडर की जगह को भर सकता था। बल्लेबाजी की बात करूं तो मैं इससे ज्यादा नहीं कर सकता था। मैंने अपना बेस्ट दिया।
उनके इंटरनेशनल करियर की बात करें तो उन्होंने साल 2008 में श्रीलंका के खिलाफ वनडे डेब्यू किया था जबकि दो साल बाद 2010 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ नागपुर में उनको टेस्ट डेब्यू करने का मौका मिला था। अपने करियर का एक मात्र टी20 मैच बद्री ने पोर्ट ऑफ स्पेन में वेस्टइंडीज के खिलाफ 2011 में खेला था। एस बद्रीनाथ के घरेलू रिकॉर्ड की बात करें तो वो फर्स्ट क्लास क्रिकेट के बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक थे। उन्होंने तमिलनाडु राज्य के लिए दस हजार से ज्यादा रन बनाए हैं।
वो इंडियन प्रीमियर लीग में चेन्नई सुपर किंग्स का प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं। उन्होंने जब सीएसके को जॉइन किया था तब उनका नाम एक ऐसे बल्लेबाज के रूप में लिया जाता था जिसके पास सॉलिड टैकनिक है। बाद में वो टी-20 क्रिकेट के हिसाब से प्रदर्शन करने में सफल नहीं हो सके और टीम से बाहर हो गए। उन्होंने अपना आईपीएल करियर 95 मैचों में 30.65 की औसत से 1441 रन बनाकर किया।