मुंबई: भारत के पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान ने सौरव गांगुली के टॉस पर देर से पहुंचने की प्रवृत्ति के बारे में खुलासा किया है। 2003-04 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में गांगुली के नेतृत्व में डेब्यू करने वाले इरफान पठान ने एक वाकया सुनाया, जब गांगुली टॉस का समय हो जाने के बावजूद देर से पहुंचते थे। 2001 में टीम इंडिया की कमान संभालने के दौरान सौरव गांगुली पर फील्ड में टॉस के लिए देरी से आने का आरोप लगा था। गांगुली पर यह आरोप भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज के दौरान ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वॉ ने लगाया था।
इरफान पठान ने स्टार स्पोर्ट्स के शो ‘क्रिकेट कनेक्टेड’ पर कहा, ”ऑस्ट्रेलिया के मेरे पहले दौरे पर दादा ने स्टीव वॉ को टॉस के लिए इंतजार कराया था। मैं उस समय ड्रेसिंग रूम में था, जब टॉस का समय हो गया तो दादा घड़ी की तरफ देखने लगे। मैनेजर ने उन्हें टॉस के लिए याद दिलाया।” स्टीव वॉ और नासिर हुसैन गांगुली की टॉस के लिए देर से आने की इस आदत पर नाराजगी जाहिर की थी। गांगुली लगातार टॉस के लिए उन्हें इंतजार कराते रहे।
पठान ने 2004 के सिडनी टेस्ट का जिक्र करते हुए कहा, ”वह स्टीव वॉ का अंतिम टेस्ट था। सचिन भी गांगुली को टॉस के लिए जाने पर सहमत नहीं कर पाए। सचिन ने उनसे कहा था कि दादा टॉस का समय हो गया है आपको जाना चाहिए। लेकिन दादा अपने शूज, स्वेटर और कैप को एडजस्ट करने में समय गंवाते रहे। जब दूसरा आदमी टॉस के लिए इंतजार करता है तो दबाव उस पर होता है, दादा कभी जल्दबाजी में दिखाई नहीं दिए।”
बता दें कि सौरव गांगुली ने 113 टेस्ट मैचों में 7,212 रन बनाए हैं, जबकि 311 वनडे मैचों में उन्होंने 22 शतकों की मदद से 11,363 रन बनाए। वनडे मैचों में रन बनाने में गांगुली की गिनती दुनिया के दिग्गज बल्लेबाजों में हुई। साल 2000 से 2005 के बीच दादा की अगुवाई में 49 टेस्ट मैच खेले, इनमें से 21 में जीत दर्ज की और 13 में हार का सामना करना पड़ा, जबकि 15 मैच ड्रॉ रहे। गांगुली की कप्तानी में कप्तानी में 1999 से 2005 के बीच भारत ने 146 वनडे मैचों में 76 जीते और 65 गंवाए, जबकि 5 मैचों के नतीजे नहीं आए।