मुंबई:इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने कुछ वक्त पहले कहा था कि सौरव गांगुली के टीम की कप्तानी संभालने से पहले भारत एक अच्छी टीम थी। पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर नासिर हुसैन के इस बयान से नाराज हैं। हुसैन ने पिछले हफ्ते स्टार स्पोर्ट्स के शो ‘क्रिकेट कनेक्टेड’ में कहा था कि कप्तान के रूप में गांगुली की नियुक्ति ने भारत को मुश्किल बना दिया था और संस्कृति में इस बदलाव के कारण भारत ने विदेशों में अधिक मैच जीतने शुरू किए।
नासिर ने कहा कि गांगुली से पहले भारतीय टीम एक अच्छी टीम थी और उसमे अजहर, जवागल श्रीनाथ जैसे शानदार खिलाड़ी शामिल थे। लेकिन गांगुली ने भारत को ऐसी टीम बनाया जिसे हराना काफी मुश्किल था। नासिर के इस बयान के बाद गावस्कर ने मिड में लिखे एक कॉलम में कहा, ”नासिर (हुसैन) यह कहना चाहते थे कि इससे पहले की टीम विरोधियों को गुड मॉर्निग कहती थीं और उन्हें देखकर मुस्कुराती थी? देखिए यह धारणा कि अगर आप किसी के सामने अच्छे हैं तो आप कमजोर हैं। जब तक आप विरोधियों जैसा व्यवहार नहीं करते, आप तब तक मजबूत नहीं हैं।”
उन्होंने कहा, ”क्या वह यह सलाह दे रहे हैं कि सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग, वीवीएस लक्ष्मण, अनिल कुंबले, हरभजन सिंह जैसे नाम मजबूत नहीं थे? सिर्फ इसीलिए कि वह किसी से मतलब रखे बिना सिर्फ अपने काम पर ध्यान देते थे? वह अश्लील इशारे नहीं करते थे, वह आपस में छातियां नहीं टकराते थे और मैदान पर चीखते-चिल्लाते नहीं थे, क्या इसीलिए वह कमजोर थे?
सुनील गावस्कर को 1975-76 से भारतीय टीम का कप्तान नियुक्त किया गया था। भारतीय क्रिकेट के कुछ सर्वकालिक महान खिलाड़ियों को देश का नेतृत्व करने का अवसर प्रदान किया गया। इनमें गावस्कर, कपिल देव, जी विश्वनाथ, दिलीप वेंगसरकर, क्रिस श्रीकांत, मोहम्मद अजहरुद्दीन और सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गज भारतीय क्रिकेटरों को देश के लिए कप्तानी का अवसर मिला। कपिल देव की कप्तानी में भारत ने 1893 में पहला विश्वकप जीता था। इसके दो साल बाद 1985 में गावस्कर की कप्तानी में भारत ने वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ क्रिकेट जीता।
गावस्कर ने हुसैन की इस टिप्पणी के लिए उन्हें खूब सुनाया और वर्ष 2000 में गांगुली को कप्तान नियुक्त करने से पहले भारतीय टीम के उनके ज्ञान पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, ”क्या वह 70 और 80 के दशक की टीमों के बारे में अच्छे से जानते थे, जिन्होंने घर और विदेश दोनों जगह जीत हासिल की। हां, गांगुली टॉप कप्तान थे, उन्होंने भारतीय क्रिकेट में सबसे नाजुक समय में बागडोर संभाली। लेकिन यह कहना कि उनसे पहले की टीम मुश्किल नहीं थी, बकवास है।”
उन्होंने कहा, ”यह बहुत ही दुखद बात है कि किसी ने उन्हें शो पर नहीं रोका। अब यह समय है कि जब भी कोई विशेषज्ञ अपनी राय देता है तो टीवी पर लोग सिर्फ सिर हिलाते हैं। ऐसे में इस बात का विरोध नहीं करना इस धारणा को मजबूत करता है कि हम अच्छे हैं और अंत में हम मजबूत नहीं हैं।”