वॉशिंगटन:चीन को करारा झटका देते हुए अमेरिकी सीनेट ने हांगकांग की सम्प्रभुता की रक्षा के लिए सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित किया है। विधेयक में हांगकांग पर सख्त ”राष्ट्रीय सुरक्षा कानून” लागू करने के लिए जिम्मेदार चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस बल को भी निशाना बनाया है जिसने हांगकांग प्रदर्शनकारियों पर अत्याचार किए थे।
इसके तहत उन बैंकों पर भी प्रतिबंध लगेगा जो कानून का उल्लंघन करने वाली संस्थाओं के साथ व्यापार करते पाए गए। चीन द्वारा प्रदर्शनकारियों पर अत्याचार करने और पूर्व ब्रिटिश कॉलोनी पर और नियंत्रण लगाने जैसी हरकतों के चलते पिछले एक साल से लगातार हांगकांग में बढ़ रहे तनाव के बीच यह कदम उठाया गया है।
पेंसिल्वेनिया के रिपब्लिकन सीनेटर पैट टॉमी और मैरीलैंड के डेमोक्रेटिक सीनेटर क्रिस वान होलेन ने यह उपाय पेश किए। इसमें सीनेट ने यह कहते हुए भी एक उपाय को भी मंजूरी दी कि विधेयक के कानून बनने से बीजिंग सरकार पर 1984 चीन-ब्रिटिश संयुक्त घोषणा के सीधे उल्लंघन का आरोप लग सकता है। यह वह संधि है, जिसके तहत 1997 में हांगकांग में ब्रिटिश शासन को समाप्त कर शहर को आंशिक संप्रभुता प्रदान की गई थी। विधेयक के यहां पारित होने के बाद उसे अब सदन में पेश किया जाएगा।
संरा मानवाधिकार के पूर्व प्रमुख ने हांगकांग में विशेष दूत नियुक्त करने की मांग की
वहीं, संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार मामलों के पूर्व प्रमुख और अन्य आठ पूर्व विशेष दूतों ने संगठन के महासचिव से बृहस्पतिवार (25 जून) को हांगकांग में एक विशेष दूत नियक्त करने की मांग करते हुए कहा कि बीजिंग द्वारा शहर पर दमनकारी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने की तैयारी को देखते हुए वे वहां ”मानवीय त्रासदी” पैदा होने की आशंका को लेकर चिंतित हैं।
मानव अधिकार के बारे में संयुक्त राष्ट्र के पूर्व उच्चायुक्त (2014-2018) जेद राद अल – हुसैन ने आठ अन्य पूर्व दूतों के साथ एशिया के सबसे मुक्त शहरों में से एक में बिगड़ती स्थिति, नए कानून के तहत उत्पन्न हो सकने वाले खतरे, मानवीय संकट को देखते हुए इस असामान्य प्रक्रिया की मांग की है। अगले सप्ताह इस कानून को लागू किए जाने की संभावना है।