लॉकडाउन ने आधे से ज्यादा लोगों का वजन बढ़ा दिया है। खानपान में लापरवाही के साथ ही दिनचर्या बिगड़ना इसकी मुख्य वजह है। ब्रिटिश कंपनी ‘वेट वॉचर्स’ की ओर से पांच हजार से अधिक अंग्रेजों पर की गई रायशुमारी से यह खुलासा हुआ है।
सर्वे में शामिल दो-तिहाई से ज्यादा प्रतिभागियों ने लॉकडाउन में चॉकलेट, चिप्स और बेकरी उत्पादों की लत बढ़ने की बात मानी। एक-तिहाई ने कहा कि वे सामान्य दिनों से ज्यादा कोल्डड्रिंक पीने लगे हैं। 46 फीसदी ने घर से काम करने की मजबूरी को शारीरिक सक्रियता घटने और वजन बढ़ने के लिए जिम्मेदार ठहराया। आधे से ज्यादा लोगों ने स्वीकारा कि लॉकडाउन लागू होने के बाद से वे न के बराबर कसरत कर रहे हैं।
मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट-
-हर चौथे प्रतिभागी ने लॉकडाउन के दौरान मन में खुद की नकारात्मक छवि बनने की बात कही। 50 फीसदी से अधिक महिलाओं ने बेचैनी की शिकायत पनपने का खुलासा किया। एक-तिहाई ने कहा कि अकेलेपन के एहसास के चलते उनकी रातों की नींद उड़ गई है।
तीन महीने से नहीं खरीदे कपड़े-
-महिलाएं यूं तो कपड़े और असेसरीज की खरीदारी पर बेतहाशा पैसे उड़ाने के लिए बदनाम हैं। हालांकि, लॉकडाउन के दौरान 60 लाख से अधिक महिलाओं ने एक भी नई ड्रेस नहीं खरीदी, जबकि बीते साल मार्च से जून महीने के बीच उन्होंने औतसन आठ कपड़े लिए थे।