वाशिंगटन:गलवान घाटी में चीन की साजिशों की पोल खुलती जा रही है। अमेरिकी सैन्य खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर योजनाबद्ध तरीके से हमला किया था लेकिन यह दांव उल्टा पड़ा।
रिपोर्ट ने चीन के उन आरोपों को बेनकाब कर दिया है, जिसमें उसने भारतीय सैनिकों पर एलएसी पार कर हमला करने का आरोप लगाया था। साथ ही भारत के उन दावों को सही ठहराया है कि बड़ी संख्या में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों ने सुनियोजित तरीके से लोहे की रॉड, नुकीले हथियारों से हमला बोला था। रिपोर्ट के अनुसार, सीमा पर संघर्ष तनावपूर्ण परिस्थितियों के बीच अचानक नहीं भड़का बल्कि चीनी सेना ने बेहद ठंडे दिमाग से यह प्लान तैयार किया गया था।
भारत के कड़े प्रतिरोध से बौखलाए चीनी अधिकारियों ने यह कुचक्र रचा था। सैटेलाइट तस्वीरों से पहले ही सामने आ चुका है कि चीन लद्दाख में एलएसी के निकट बड़े पैमाने पर हथियारों और सैनिकों का जमावड़ा कर रहा था। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन भारत को अन्य देशों से उलझाए रखना चाहता है ताकि अमेरिका और अन्य देशों के साथ उसकी नजदीकियों में कमी आए। संघर्ष में भारत के 20 और चीन के 35 सैनिक शहीद हो गए थे। भारत के कर्नल संतोष बाबू ने शहादत दी तो चीन के दो अधिकारियों को जान गंवानी पड़ी।
जनरल झाओ मारे गए सैनिकों की प्रार्थना सभा में शामिल
रिपोर्ट के मुताबिक, 15 जून के हमले के पीछे भारत से लगी चीन की पश्चिमी सीमा यानी वेस्टर्न थिएटर कमांड के प्रमुख झाओ जोंगकी और चीनी सैन्य आयोग में शामिल कुछ सेवानिवृत्ति अधिकारियों का दिमाग माना जा रहा है। झाओ मारे गए चीनी सैनिकों के लिए हुई प्रार्थना सभा में भी शामिल हुआ। सोशल मीडिया पर आई इस घटना की तस्वीरों को सेंसर कर दिया ताकि हार और हताशा को छिपाया जा सके।
डोकलाम गतिरोध में भी शामिल रहा जनरल
रिपोर्ट के अनुसार, वियतनाम युद्ध में शामिल रहा झाओ 2017 में हुए डोकलाम के गतिरोध में भी शामिल रहा था जब करीब ढाई महीने तक दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने थीं। यह मानना भी मुश्किल है कि चीनी सेना के प्रमुख और राष्ट्रपति शी जिनपिंग को इस सैन्य कार्रवाई के बारे में पता नहीं होगा।
चीन को बड़ी आर्थिक चोट पहुंचेगी
इस हमले से भारत में चीन के खिलाफ बड़े पैमाने पर गुस्सा भड़का। साथ ही भारत को दबाव में लाने और अपनी शर्तों पर एलएसी तय करने की चीन की कोशिश भी नाकाम हो गई। भारत के कठोर जवाब की चीन को उम्मीद नहीं थी। चीनी उत्पादों के खिलाफ भारतीयों की नाराजगी उसे बड़ी आर्थिक चोट पहुंचाएगी। भारत दूरसंचार अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में चीन पर पाबंदी लगाने के साथ 5जी नेटवर्क के लिए हुवावेई को होड़ से बाहर कर सकता है।
चीन से पांच दिन में भारत पर 40 हजार साइबर हमले
चीन में बैठे हैकरों ने भारत पर साइबर हमला तेज कर दिया है। इन हैकरों ने पांच दिन में भारत के बैंक सेक्टर और सूचना तकनीकी तंत्र पर 40 हजार से ज्यादा हमले किए हैं। महाराष्ट्र पुलिस की साइबर शाखा के आईजी यशस्वी यादव ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन से तनातनी के बीच यह हमले किए गए। ज्यादातर हमले चीन के चेंगदू इलाके से किए गए। यादव ने कहा- पिछले चार-पांच दिनों में भारतीय संसाधनों पर कुल 40,300 हमले किए गए। इन हमलों का मकसद सेवा में बाधा डालना, इंटरनेट प्रोटोकाल हाईजैक करना और फिशिंग करना था। उन्होंने कहा कि भारतीय इंटरनेट उपभोक्ताओं को इन हमलों के प्रति सजग रहना चाहिए।