लखनऊ:तराई के इलाकों में सिख तथा गैर सिख किसान सीलिंग, ग्राम समाज और वन विभाग की जमीनों पर काबिज हैं। इनकी तीन पीढियां इस जमीन पर गुजर गई, पर इन्हें आज तक मालिकाना हक नहीं मिला। यही वजह है कि किसानों की जमीनों को हड़पने या फिर अफसरों द्वारा उन्हें धमकाने के मामले जब तक सामने आते हैं। पर अब यह नहीं होगा। उप्र सरकार में राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने प्रेसवर्ता में बताया कि मुख्यमंत्री ने कुछ आइएएस अफसरों की टीम बना दी है। यह सर्वे कर रही है। रिपोर्ट मिलने के बाद जल्द ऐसे लोगों को उनकी जमीन का मालिकाना हक योगी सरकार दिलाएगी।
राज्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के रामपुर, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बिजनौर, बहराइच व अन्य तराई के जिले में सिख व गैर सिख किसानों की प्रताड़ना के कई मामले सामने आने के बाद एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के समक्ष यह बात रखी थी। इसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से लिया है। चार टीमें बना दी गई है। यह जल्द रिपोर्ट देंगी।
नागरिकता भी मिलेगी और जमीन भी
पीलीभीत में बंगालियोंं को नागरिकता ही नहीं है, तो उनको भूमिधरी का अधिकार कैसे दिया जाएगा। इस सवाल पर मंत्री बोले, उनको नागरिकता देने का रास्ता साफ हो गया है, नागरिकता भी मिलेगी और जमीन के मालिक भी बनेंगे। प्रेसवर्ता में भाजपा जिलाध्यक्ष संजीव प्रताप सिंह सहित अन्य भाजपा कार्यकर्ता और सिख समाज के लोग मौजूद रहे।
मंत्री ने जताई नाराजगी
राहुलनगर में बाढ़ से जुड़े एक सवाल पर राज्यमंत्री ने बाढ़ खंड एक्सईएन शैलेश सिंह को बुलाया और जानकारी ली। पता चला कि अभी तक राहुलनगर को लेकर कोई तैयारी नहीं है। वन विभाग की जमीन होने पर बचाव कार्य की कोई स्वीकृत नहीं मिल सकी। इस बात पर मंत्री ने नाराजगी जताई।