लखनऊ:उत्तर प्रदेश के बरेली से लखनऊ एटीएस ने जेहाद के नाम पर उकसाने वाले इनामुल हक को गिरफ्तार किया है। एटीएस की पूछताछ में इनामुल हक ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। जेहाद के लिए उकसाने वाला अल कायदा का इनामुल हक धार्मिक स्थल में तोड़फोड़ के मामले में उत्तराखंड में जेल जा चुका है। छह महीने जेल में रहने के बाद उसने उत्तराखंड छोड़ दिया। 2014 से बरेली में उसने अपना नया ठिकाना बनाया। वह लोगों से कम मिलता जुलता था।
यूपी एटीएस ने दो दिन पहले बरेली में किला में कटघर तिलक इंटर कालेज के पास शाह मोहल्ले के रहने वाले मो. शोएब उर्फ अबु मोहम्म्द उर्फ इनामुल हक को गिरफ्तार किया था। इनामुल हक के पिता नुरुल हक पंतनगर विश्वविद्यालय में लैब टेक्नीशियन थे। 28 साल के इनामुल हक का जन्म भी ऊधम सिंह नगर जिले में हुआ है। 2007 में उसके पिता की मौत हो गई। पिता की मौत के बाद इनामुल हक का बड़ा भाई फरीदुल हक जीबी पंत विश्वविद्यालय में लैब टेक्नीशियन हो गया। उसके साथ उसकी मां नाजरा और बहन रहती हैं।
2014 में ऊधम सिंह नगर में एक धार्मिक स्थल में तोड़फोड़ के मामले में पुलिस ने ईनामउल हक को गिरफ्तार कर लिया। उसे जेल भेज दिया। 6 महीने जेल में रहने के बाद इनामुल हक ने उत्तराखंड छोड़ दिया। इसके बाद उसने बरेली की तरफ रुख किया। एटीएस को उसके मोबाइल में कमलेश तिवारी हत्याकांड के फोटो, वीडियो मिले हैं। इसके अलावा अलकायदा मैगजीन के स्क्रीन शाट मिले हैं। अलकायदा का काफी भड़काऊ साहित्य भी उसके पास से बरामद किया गया है।
हजियापुर में मामा के घर बना पहला ठिकाना
2014 में जेल से छूटने के बाद इनामुल हक हजियापुर में अपने मामा नईम, शमीम के घर पहुंचा। उसके मामा कैंची और चाकू में धार रखने का काम करते थे। कुछ दिन बाहर रहने के बाद उसने काजी टोला की एक मस्जिद में साफ सफाई का काम किया। बाद में दोनों भाई इनामुल हक और उसका छोटा भाई मुनीर तिलक कॉलोनी ग्राउंड के बराबर गली शाह मोहल्ला में अपने मकान में रहने लगे। मकान को उनके पिता नूर उल हक ने काफी पहले बनवा दिया था।
डा. रियाज का मकान में चल रहा है क्लीनिक
डा. रियाज का इनामुल हक के मकान में क्लीनिक चल रहा है। वह पहले उसके पिता को किराया देते थे। अब तीन हजार रुपये महीने दोनों भाइयों को देते हैं। आरोपी घर से बाहर नहीं निकलता था। मोबाइल में लगा रहता था।
फेसबुक से इंस्टाग्राम तक कई भड़काऊ पोस्ट
फेसबुक और सोशल मीडिया पर उसकी भड़काऊ पोस्ट देखने के बाद एटीएस ने जब उसकी छानबीन शुरू की तो उसका मोबाइल नंबर उसके बुआ के बेटे के नाम पर निकला। काफी पूछताछ के बाद एटीएस ने उसे ट्रेस किया। उसके मोबाइल में अलकायदा से जुड़ा काफी साहित्य बरामद हुआ है। मोहल्ले के रहने वाले अब्दुल हमीद का कहना है कि इनामुल हक घर से बाहर नहीं निकलता था। उसका छोटा भाई हर जुमे की नमाज में जाता था। वह सेल्समैन का काम करता है लेकिन इनामुल हक नमाज पढ़ने भी नहीं जाता था। कई महीनों से वह बदला बदला लग रहा था।
बरेली से अलकायदा से संबंधित एक युवक को गिरफ्तार किया है। उसके पास से अलकायदा से जुड़ूा काफी साहित्य मिला है। कमलेश तिवारी हत्याकांड के फोटो, वीडियो, अलकायदा मैगजीन के स्क्रीन शाट मिले हैं। आरोपी पहले भी जेल जा चुका है।
डीके ठाकुर, एडीजी एटीएस