नई दिल्ली:कोरोना संकट के इस दौर में लोगों की घटती आमदनी की वजह से खर्च करने की आदत बदल गई है। इससे उनका खर्च घटा गया है और बचत बढ़ गई है। रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से जारी रिपोर्ट में यह जानकारी मिली है। रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2019-20 में लोगों की ओर से अधिक बचत करने से उनकी शुद्ध वित्तीय संपत्ति बढ़कर 15.6 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गई। आंकड़ों के मुताबिक यह राशि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 7.7 फीसदी के बराबर है। इससे पिछले वित्त वर्ष में लोगों की कुल बचत 13.7 लाख करोड़ थी और यह जीडीपी की 7.2 फीसदी थी।
बैंकों से कर्ज लेने में गिरावट आई
कोरोना से उपजी आर्थिक अस्थिरता के कारण आम लोग बैंक से लोन नहीं ले रहे हैं। इसके चलते बैंकों के कर्ज में बड़ी गिरावट आई है। वित्त वर्ष 2018-19 में बैंकों ने आम लोगों को 7.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया था जो 2019-20 में घटकर 6.01 लाख करोड़ रुपये रह गया है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के आंकड़े अभी जारी नहीं किए गए हैं। इसमें बैंक कर्ज में और बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है।
बचत और बढ़ने की उम्मीद
आरबीआई के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आम लोगों की बचत और बढ़ने की उम्मीद है। इसकी वजह कोरोना संकट के कारण खर्च में की गई बड़ी कटौती है। रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में लोगों की बचत वित्त वर्ष 2017-18 के स्तर पर पहुंच गई है।
बचत का पैसा कहां रख रहे हैं लोग
- 5.6 लाख करोड़ पर पहुंची भारतीयों की कुल बचत कोरोना संकट के बीच
- 7.7 फीसदी देशकी कुल जीडीपी के बराबर है यह बचत
- 66 फीसदी भारतीय नकद व एफडी में निवेश करते हैं अपनी बचत का पैसा
- 52.26% बैंकों में एफडी के रूप में
- 23% जीवन बीमा निधि में जमा
- 13.4% नकदी के रूप में
- 7% म्यूचुअल फंड में जमा
- 3.8%कॉपोरेटिव बैंक में जमा
जमा बढ़ने से देनदारी कम हुई
वित्त वर्ष | कुल जमा | देनदारी | कुल बचत |
2017-18 | 20.6 | 7.31 | 13.29 |
2018-19 | 21.23 | 7.5 | 13.73 |
2019-20 | 21.63 | 6.01 | 15.62 |
आंकड़े लाख करोड़ रुपये में