पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने दिग्गज तेज गेंदबाज जहीर खान की तारीफ करते हुए सोमवार को कहा कि श्रीरामपुर से निकलकर कामयाबी की बुलंदियों तक पहुंचाने वाले जहीर खान की सफलता ने उनके कैरेक्टर की ताकत को दिखाया है। लक्ष्मण अपने साथ खेले तमाम दिग्गज क्रिकेटरों के बारे में अहम बातें शेयर कर रहे हैं।
लक्ष्मण ने ट्विटर पर लिखा, ‘उनमें बड़े सपने देखने की हिम्मत थी और उन सपनों का पीछा करने की ठान ली थी। श्रीरामपुर से निकलकर कामयाबी की बुलंदियों तक पहुंचाने वाले जहीर खान की सफलता ने उनके कैरेक्टर की ताकत को दिखाता।’ उन्होंने कहा, ‘काउंटी क्रिकेट में वोरसेस्टरशर के लिए खेलते हुए उन्होंने जो सफलता हासिल की, उसने उनके करियर को फिर से परिभाषित किया और इसने उन्हें कंफर्टेबल जोन में ला दिया।’ जहीर ने अक्टूबर 2000 में केन्या के खिलाफ वनडे मैच से इंटरनैशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था।
टीम इंडिया में अंदर-बाहर होते रहे जहीर खान
वो 2003 वर्ल्ड कप में आशीष नेहरा और जवागल श्रीनाथ के साथ भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण का हिस्सा भी थे। हालांकि उसके बाद जहीर की फॉर्म बिगड़ती गई और वो चोटों से भी घिर गए और टीम से बाहर हो गए। उन्होंने 2004 में वापसी की लेकिन स्पीड और कंसिस्टेंसी में कमी देखी गई। जिसके कारण आरपी सिंह, इरफान पठान, मुनाफ पटेल और श्रीसंत टीम में आ गए और जहीर फिर से भारतीय टीम से बाहर हो गए। जहीर ने हालांकि इसके बाद काउंटी क्रिकेट में वोरसेस्टरशर के लिए खेलना शुरू किया। उन्होंने काउंटी के लिए डेब्यू करते हुए 10 विकेट चटकाए।
100 साल में ऐसा करने वाले पहले गेंदबाज बने थे जहीर
यह उपलब्धि हासिल करने के लिए जहीर 100 सालों में पहले गेंदबाज बने। अपने सफल काउंटी कार्यकाल के बाद, उन्हें 2006 में फिर से भारतीय टीम में शामिल किया गया। साल 2011 वर्ल्ड कप में महेंद्र सिंह धोनी ने जहीर के अनुभव का खूब फायदा उठाया और जहीर उस वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की लिस्ट में पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी के साथ संयुक्त रूप से पहले नंबर पर थे। जहीर ने भारत के लिए 200 वनडे मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 282 विकेट लिए। इसके अलावा, उन्होंने 92 टेस्ट और 17 टी20 इंटरनैशनल मैच खेले हैं, जिनमें क्रम से 311 और 17 विकेट लिए। जहीर ने 2016 में इंटरनैशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था।