जहां एक तरफ फिल्मों की शूटिंग शुरु करने की खबर फिल्म कलाकारों और श्रामिको में खुशी की लहर है वहीं वहीं शुटिंग की गाइड लाइन पढ़कर फोटोग्राफर आक्रोशित हो गए हैं। उनका कहना है कि पहले भी प्रोड्क्शन द्वारा कहा जाता रहा है कि फोटोग्राफर की कोई जरुरत नहीं और प्रोड्क्शन के लोगों द्वारा मोबाईल से फोटोग्राफी किया जाता रहा है और पोस्टर डिजाईन के लिए किसी बड़े फोटोग्राफर द्वारा फोटो शूट किया जा रहा है, ऐसे में नई गाइडलाइन के बाद हम फोटोग्राफर को काम मिलना मुश्किल होगा।
मीडिया फोटोग्राफर राजेश कोरील के अनुसार, हमारे यूनियन में रजिस्ट्रर्ड 636 सदस्य हैं जिसमें 500 से अधिक सदस्य सक्रीय हैं। इसके अलावा शिवसेना चित्रपट शाखा, मनसे, बीजेपी के भी सदस्य हैं। रही बात आक्रोश की तो हमें समय-समय पर जलील किया जाता रहा है। आज डिजिटल का जमाना है, जहां पर कोई फोटोग्राफी पर अपने पर हक जताते हैं। मेरे साथ की एक घटना हुआ था महबूब स्टूडियो में। एक शूट के समय हमें डमी फोटोग्राफर बनाने की कोशिश की गई थी। मैं फोटोग्राफी का डिप्लोमा होल्डर हूं, हमने एक फोटोग्राफर के तौर पर स्क्रीन भी शेयर किया है। क्या मुझे फोटोग्राफी नहीं आती कि मैं खड़ा रहूं डमी बनकर ताकि यूनियन कार्ड चेक करने आए तो मैं बोलूं- समय-समय पर हम फोटोग्राफर को जलील किया जाता है। कभी कान्टीन्युटी फोटोग्राफर बोलकर आज हमारे लिए इनके पास बजट नहीं होता। मगर ये लोग चैनल से हमारे नाम पर एक मोटी रकम चार्ज करते हैं। हमें उसका आधा भी पे नहीं करते। इसलिए कितने फोटोग्राफर्स अपना व्यवसाय बदल लिया है। प्रोड्क्शन हाऊस की तरफ से एक साज़िश है हमें काम पर ना रखने की। इनका तो काम मोबाईल फोन से हो जाएगा पर इससे बेरोजगारी हमारी होगी। इसलिए इसका विरोध हम कर रहे हैं। 1/06/2020 तक का समय दिया गया है कि हमारी मौजूदगी अनिवार्य नहीं किया गया तो हम आंदोलन करेंगे। शुटिंग के समय सेट पर फोटोग्राफर नहीं पाया गया तो हम इसके विरोध में कोई कड़ा कदम भी उठाने से पीछे नहीं हटेगें जो असहनीय होगा।
फिल्म शूटिंग की नई गाइडलाइन पर सिने स्टील फोटोग्राफरों का फूटा गुस्सा, फोटोग्राफरो ने दी आत्मदाह की धमकी
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