नवकार मंत्र से सोया भाग्य जगाएं, मंत्र जाप से अनगिनत लाभ
विरार। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के इस संक्रमण काल से अपने आप को सुरक्षित एवं बचाए रखने के लिए जप – तप के साथ-साथ नवकार मंत्र को भजना होगा। श्रद्धा और भक्ति के साथ जो कोई इस नवकार मंत्र का जाप करता है तो उसकी दीर्घायु होने के साथ-साथ सोया हुआ भाग्य भी जग जाता है।
यह विचार हैं मधुर व्याख्यानी साध्वी विश्ववंदना जी महाराज के ।उन्होंने इस नवकार मंत्र की व्याख्या करते हुए कहा कि मंत्रों में बहुत शक्ति होती है और नवकार मंत्र के जाप से तन के रोग दूर होते हैं, मन निर्मल होता है, आत्मा परमात्मामय हो जाती है। यह वह मंत्र है जिस के जाप से अतीत में कभी सेठ सुदर्शन की सूली भी सोने का सिंहासन बन गई और श्रीमती के हाथ में आया सांप भी माला बन गया। नवकार मंत्र ब्रह्मांड की सिद्ध- बुद्ध शक्तियों से संपर्क साधने का दिव्य मंत्र है। यह मंत्र अखिल मानवता का मंत्र है ।नवकार मंत्र ने जैन धर्म को एक रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मंत्र से कैसे पाएं सुख
साध्वी विश्ववंदना ने कहा कि मंत्र भारतीय संस्कृति की आत्मा है और वह मंत्रों की आत्मा ।सृष्टि का जन्म घर्षण से हुआ और घर्षण से ध्वनि और प्रकाश पैदा हुआ, प्रकाश से ईश्वरीय शक्ति पैदा हुई और ध्वनि से ओम। इसलिए ओम सारे मंत्रों का बीज मंत्र है सारे मंत्र ओम के विस्तार है एक ओंकार के आह्वान से विश्व की सारी शक्तियों का आह्वान हो जाता है ।ओम का जहां जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ का वाचक है, वही ओम का म अंतिम तीर्थंकर महावीर स्वामी का परिचायक है। ओम के मां में ब्रह्मा, विष्णु और महादेव समाए हैं। एक ओम बोलने से सारे तीर्थंकरों अवतारों की वंदना हो जाती है।
नवकार मंत्र में विश्व की 5 शक्तियां
डॉ परमेष्ठी वंदना ने नवकार मंत्र का विश्लेषण करते हुए कहा कि यह मंत्र विश्व की महान पांच शक्तियां अरिहंत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय एवं साधु से जोड़ता है ।इसमें पापों को नष्ट करने और विश्व का मंगल करने की कामना है। नवकार मंत्र में 68 अक्षर है जो कि 68 तीर्थों के परिचायक है। एक बार नवकार मंत्र बोलने से हमें 68 तीर्थो की यात्रा का पुण्य मिल जाता है ।उन्होंने कहा कि घर दुकान में कोई वास्तु दोष हो तो तोड़फोड़ करने की बजाय बीचो-बीच नवकार मंत्र का पाठ लगा दे वास्तु दोष खत्म हो जाएगा। अगर कोई ऊपरी बाधा हो तो कागज पर लिखे नवकार मंत्र सीधे हाथ पर बांधे बाधा दूर हो जाएगी। जी मचलने लगे या तन में व्याधि हो जाए तो गंगाजल कटोरी में लेकर तीन बार नवकार मंत्र पढ़ें और वह पानी पी ले थोड़ी देर में शांति और सुकून मिल जाएगा।
मंत्र जाप के 21 लाभ
साध्वी श्री ने मंत्र जाप के 21लाभ बताते हुए कहा कि हमें प्रतिदिन 24 घंटों में 24 मिनट नवकार मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। इतना ना हो सके तो कम से कम 3 बार तो इनका स्मरण हो ही जाए ।मंत्र जाप से जीव का उद्धार, सद्गुरु की प्राप्ति, अनिष्ट का निवारण, सद्गुणों का विकास, बन्धनों का नाश, भाग्य का उदय होता है, साथ ही उन्नति मिलना, रिद्धि-सिद्धि मिलना, कायकष्ट से छुटकारा, सरस्वती एवं लक्ष्मी की कृपा, शत्रुओं से रक्षा, अदृश्य सहायता, सुखी दांपत्य, श्रेष्ठ संतान, पारिवारिक सुख, नवग्रहों में अनुकूलता, ईश्वरी कृपा, आत्मज्ञान, सद्गति और मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।