हमारे जीवन में कई महत्वपूर्ण अवसर आते हैं, जिनका फायदा उठाकर कई लोग आगे बढ़ जाते हैं। मगर ऐसा सभी के साथ नहीं होता है। अवसर सभी को मिलता है, चाहे वो अमीर हो या गरीब, छोटा हो या बड़ा। जिसमें उसे पहचानने की काबीलियत होती है, वही शख्स अपनी तकदीर बदलने में कामयाब हो पाता है। इसलिए जरूरी है मौकों की पहचान करना और उसका सही तरीके से इस्तेमाल करना। तो आइए जानते हैं अवसर का महत्व इस कहानी से-
कहानी :एक बार एक ग्राहक तस्वीरों की दुकान पर गया। उसने बड़े ध्यान से वहां लगे चित्र देखे। उसे दो चित्र बड़े अजीब लगे। वह सोचने लगा कि ऐसे चित्र कोई क्यों खरीदेगा और इन चित्रों का मतलब क्या है। सोचते-सोचते वह दोनों चित्रों को गौर से देखने लगा। पहले में एक चेहरा पूरी तरह बालों से ढका हुआ था और पैरों में पंख थे। दूसरे चित्र में सिर पीछे से गंजा था। बहुत सोचने पर भी जब ग्राहक को कुछ नहीं सूझा तो उसने उत्सुकता में आकर दुकानदार से पूछ ही लिया कि ये चित्र किनके हैं और इन चित्रों का मतलब क्या है।
दुकानदार ने ग्राहक को देखा और मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि ये दोनों ही तस्वीरें ‘अवसर’ यानी की अपॉच्र्युनिटी की हैं। ग्राहक को फिर भी कुछ समझ नहीं आया कि अवसर को इस रूप में दर्शाने का क्या मतलब है। तो उसने फिर पूछा- ‘कैसे? इनमें तो कुछ दिखाई नहीं दे रहा।’ इस पर दुकानदार ने जो जवाब दिया, वो बहुत गजब का था।
दुकानदार ने कहा, ‘पहली तस्वीर में चेहरा बालों से ढका हुआ है, क्योंकि जब भी कोई अवसर या मौका किसी के सामने आता है तो इंसान उसे पहचान नहीं पाता है और इस कारण वह कोई भी निर्णय लेने में काफी समय लगाता है। इस चित्र में पंख इसलिए लगे हैं कि क्योंकि जब हम अवसर को पहचान नहीं पाते और समय पर मौके का फायदा नहीं उठा पाते तो वह तुरंत भाग जाता है यानी हमारे हाथ से छूट जाता है।’
दुकानदार ने आगे कहा, ‘दूसरे चित्र में जो गंजा सिर है, वो भी अवसर का ही है। यदि कोई अवसर को सामने से हाथ बढ़ाकर उसके बालों से पकड़ ले, तो वह उसका है, लेकिन अगर किसी ने उसका पकड़ने में देरी कर दी, तो पीछे का सिर्फ गंजा सिर ही हाथ आता है यानी अवसर फिसलकर हाथ से निकल चुका होता है।’ अब ग्राहक को अपने सवाल का जवाब मिल चुका था और वह जिंदगी का एक बड़ा सबक सीखकर वहां से लौटा था।
कहानी की सीख : अवसर को पहचानना भी अपने आप में एक कला है। इसके लिए अपनी आंखें और कान हर समय खुले रखने चाहिए। कारोबारी या प्रोफेशनल तौर पर कहें तो खुद पर बेवजह की रोकटोक नहीं लगानी चाहिए। तभी हम अवसरों का समय पर और पूरा लाभ उठा सकते हैं।