नीतीश के सुशासन में न्याय की इस परिभाषा से आश्चर्य, सुशासन का स्पष्ट पैगाम सजा के बदले इनाम!
पंकज श्रीवास्तव/पटना। पिछले दिनों अररिया का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। जिसमें एक होमगार्ड जवान अपने को उसका सीनियर यानि दरोगा वहां के जिला कृषि पदाधिकारी के आगे उठा बैठक करने को बाध्य करता है और अंततः होमगार्ड जवान वही करता है। इस पर तुरन्त पुलिस प्रमुख ने संज्ञान लिया और दरोगा को सस्पेंड कर दिया। दूसरी ओर लोगों की भवना थी कि जिला कृषि पदाधिकारी को भी सस्पेंड किया जाए। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। खबर आई है कि होमगार्ड के जवान का उत्पीड़न कराने वाले इस कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार को कथित सुशासन वाली नीतीश सरकार ने सस्पेंड करने के बजाए प्रमोशन देकर कृषि विभाग में ही उप निदेशक बना दिया है।
उल्लेखनीय है कि अररिया से जो वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार के आगे चौकीदार गणेश तत्मा उठक-बैठक करवाते देखा गया था। चौकीदार की गलती बस इतनी थी कि लॉकडाउन के दौरान अपनी ड्यूटी करते वक्त उसने मनोज कुमार की गाड़ी को रोका था। इस बात पर कृषि पदाधिकारी इतना नाराज हो गए थे कि उन्होंने चौकीदार को जेल भेजने की धमकी दे डाली थी। वायरल वीडियो पर संज्ञान लेते हुए पुलिस प्रमुख एएसआई गोविंद सिंह को सस्पेंड कर दिया था क्योंकि उसने भी कृषि पदाधिकारी का ही साथ दिया था और चौकीदार को उठक-बैठक करने को बाध्य किया था। बाद में इस मामले पर बिहार मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए अररिया के जिलाधिकारी और एसपी को नोटिस जारी किया और उनसे 6 मई तक विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा था। लोगों की भावना थी जैसे एएसआई गोविंद सिंह को सस्पेंड किया गया, ठीक उसी तरह कृषि पदाधिकारी को भी सस्पेंड किया जाए लेकिन बिहार सरकार ने इसके उलट कृषि पदाधिकारी को प्रमोशन देते हुए उन्हें कृषि विभाग में ही उप निदेशक बना दिया है। नीतीश कुमार के सुशासन की इस परिभाषा पर हर किसी को आश्चर्य हो रहा है।
इस बाबत सरकार की तरफ से 25 अप्रैल को एक अधिसूचना जारी की गई थी। जिसमें इस बात की जानकारी दी गई कि अररिया के पदाधिकारी मनोज कुमार को पदस्थापित करते हुए उन्हें मुख्यालय बुला लिया गया है और उन्हें उपनिदेशक के पद पर नियुक्त किया गया है। इधर इस मसले पर कृषि मंत्री प्रेम कुमार का कहना है कि “मनोज कुमार पर कार्रवाई जारी रहेगी। सरकार ने उसके खिलाफ अररिया में एफआईआर दर्ज करा दिया है। अररिया में जांच प्रभावित न हो, इसी वजह से उसे अब पदस्थापित करके मुख्यालय बुला लिया गया है। उसके खिलाफ विभागीय जांच होगी। दोषी पदाधिकारी को प्रमोशन देने के मामले पर सरकार का बचाव करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि कानूनी पचड़े में सरकार की फजीहत न हो, इसी वजह से उसे अररिया से हटाकर पहले मुख्यालय में पदस्थापित किया गया है।”