अक्सर आपने लोगों को यह कहते सुना होगा कि जीवन में सफलता हासिल में सकारात्मक विचार बेहद अहम भूमिका निभाते हैं। जी हां जीवन में सफलता वही व्यक्ति हासिल कर सकता है जो नकारात्मक विचारों को खुद से दूर रखते हुए अपने लक्ष्य पर अपना ध्यान केंद्रित रखता है। ऐसी ही प्रेरणा देती हैं यह कहानी।
एक समय की बात है कि एक शहर में बहुत ज्ञानी साधु आए हुए थे। उन्हें शहर में देख कई दुखी, परेशान लोग उनकी कृपा दृष्टि पाने के लिए उनके पास जा पहुंचे। इसी भीड़ में एक और दुखी व्यक्ति राजू भी मौजूद था। राजू साधु महाराज के पास आकर बोला, महाराज में बहुत गरीब हूं, मुझ पर बहुत कर्जा भी है, मैं अपने जीवन से बहुत परेशान हो चुका हूं। मुझ पर कुछ उपकार करें।
साधु महाराज ने राजू को परेशान देख उसे एक चमकीला नीले रंग का पत्थर दिया, और कहा कि यह एक कीमती पत्थर है, जाओ इसकी जितनी कीमत लगवा सकते हो लगवकर अपने दुखों का अंत कर लो। राजू वहां से चला गया और उसे बचने के इरादे से अपने जान पहचान वाले एक फल विक्रेता के पास गया और उस पत्थर को दिखाकर उसकी कीमत जाननी चाही।
फल विक्रेता बोला, मुझे लगता है ये नीला शीशा है, महात्मा ने तुम्हें ऐसे ही दे दिया है, हां यह सुन्दर और चमकदार दिखता है, तुम मुझे दे दो, इसके मैं तुम्हें 1000 रुपए दे दूंगा।
राजू निराश होकर अपने दूसरे मित्र के पास गया जो की एक बर्तनों का व्यापारी था। राजू ने उस व्यापारी मित्र को भी वो पत्थर दिखाया और उसे बचने के लिए उसकी कीमत जाननी चाही। बर्तनो का व्यापारी बोला ‘यह पत्थर कोई विशेष रत्न है में इसके तुम्हें 10,000 रुपए दे दूंगा। राजू सोचने लगा की इसके कीमत और भी अधिक होगी और यह सोच वो वहां से चला आया।
राजू ने अब इस पत्थर को एक सुनार को दिखाया, सुनार ने उस पत्थर को ध्यान से देखा और बोला ये काफी कीमती है इसके मैं तुम्हें 1,00,000 रूपये दे दूंगा।
राजू अब समझ गया था कि यह बहुत अमुल्य है, उसने सोचा क्यों न मैं इसे हीरे के व्यापारी को दिखाऊं, यह सोच वो शहर के सबसे बड़े हीरे के व्यापारी के पास गया।उस हीरे के व्यापारी ने जब वो पत्थर देखा तो देखता रह गया, चौकने वाले भाव उसके चेहरे पर दिखने लगे। उसने उस पत्थर को माथे से लगाया और और पुछा तुम यह कहा से लाये हो। यह तो अमुल्य है। यदि मैं अपनी पूरी सम्पति बेच दूं तो भी इसकी कीमत नहीं चुका सकता।
सीख-
-व्यक्ति खुद को कैसे आंकता है। यह सिर्फ उसी के विचारों पर निर्भर करती हैं।
-व्यक्ति को सोचना चाहिए क्या हम वो हैं जो राय दूसरे लोग हमारे बारे में बनाते हैं।
-आपका जीवन अमूल्य है आपके जीवन का कोई मोल नहीं लगा सकता। आप वो कर सकते हैं जो आप अपने बारे में सोचते हैं। कभी भी दूसरों की नेगेटिव सोच से खुद को कम मत आंकिये।