यूपी ब्यूरो/बस्ती। शनिवार को एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें आकाश गुप्ता नामक युवक कह रहा है कि बस्ती के कैली अस्पताल में कोई भी स्वास्थ्यकर्मी उसका इलाज नहीं कर रहा है जबकि उसे सर्दी, बुखार के साथ-साथ सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है। जबकि एक अन्य वीडियो में कुछ लोग उसे देख रहे हैं और वह उनसे मुखातिब है। वे लोग आपस में बात कर रहे हैं कि कोई भी उसके पास न जाए।
अब सवाल उठता है कि वीडियो में जो व्यक्ति दिख रहा है क्या वह वाकई में कोरोना संदिग्ध है, जो कि उसकी बातों से लग रहा है। अगर वह कोरोना संदिग्ध नहीं है तब भी और है तब भी अस्पताल के द्वारा उसका इलाज तो किया ही जाना चाहिए लेकिन क्या वजह है कि स्वास्थ्यकर्मी उसका इलाज नहीं कर रहे हैं। क्या अस्पताल के पास पर्याप्त साधन नहीं हैं या यह लापरवाही का मामला है।
इसे लेकर खुद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ कह चुके हैं कि ‘राज्य सरकार वर्तमान में कोरोना वायरस की महामारी को रोकने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है’। साथ ही तमाम तैयारियों को लेकर भी दावे करते रहे हैं।
इनके अलावा बस्ती के डीएम आशुतोष निरंजन भी तैयारियों को लेकर अक्सर ट्वीट करके तैयारियों को लेकर दावे करते रहे हैं। लेकिन यह वीडियो पूरे जिले की कोरोना को लेकर तैयारियों की पोल खोलकर रख दिया है। उल्लेखनीय बात यह है कि अगर कोरोना के खिलाफ जिला प्रशासन की यही तैयारी है तो जनता को अपनी हिफाजत व कोरोना से बचाव भगवान भरोसे है। सरकार व जिला प्रशासन यहां तक कि जिले के अस्पताल भी आपको बचाने में पूरी तरह से फेल साबित हो सकते हैं। हालांकि इस बीच पता चला है कि डीएम आशुतोष निरंजन ने वीडियो का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है। बावजूद इसके यह मामला बेहद गंभीर है, जो पूरी व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहा है।
अस्पताल प्रशासन ने इस मामले में जो कुछ कलेक्टर बस्ती को अवगत कराया है और मरीज की कहानी कुछ और ही कहानी कह रही है। जिसके अनुसार, उक्त व्यक्ति प्रचार पाने के लिए यह सब किया। हालांकि इसका वीडियो देखकर अनुमान लगाया जा सकता है तथा उस समय स्वास्थ्यकर्मियों का व्यवहार भी देखा जा सकता है।
वायरल वीडियो के बाद बस्ती में कोरोना से जंग की तैयारियों पर उठे सवाल
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