काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में आतंकियों ने बुधवार को एक गुरुद्वारे को निशाना बनाया। फिदायीन हमला सुबह 7.30 बजे हुआ, तब यहां सिख समुदाय के सैकड़ों लोग प्रार्थना के लिए जुटे थे। धमाके में 4 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। इसके बाद सुरक्षाबलों ने गुरुद्वारे की घेराबंदी कर जवाबी कार्रवाई की। अभी किसी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। बता दें कि अफगानिस्तान में करीब 300 सिख परिवार रहते हैं। इनकी संख्या काबुल और जलालाबाद में अधिक है। इन्हीं दो शहरों में गुरुद्वारे भी हैं।
कानूनविद नरिंद्र सिंह खालसा ने बताया कि उनके पास गुरुद्वारे से फोन आया था। कॉल करने वाले ने कहा कि गुरुद्वारे में 150 से ज्यादा लोग मौजूद हैं। चार लोग मारे जा चुके हैं। आतंकी गुट तालिबान के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने ट्वीट किया- इस हमले से संगठन का कोई लेनादेना नहीं है। हमने कोई हमला नहीं किया।
पिछले साल आईएसआईएस ने किया था हमला
अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक सिखों और हिंदुओं के धार्मिक स्थलों पर आए दिन हमले होते रहते हैं। इसके पहले 2018 में राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात करने जा रहे हिंदुओं और सिखों के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ था। इसमें 19 सिख और हिंदु मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) ने ली थी। इन हमलों से सिख और हिंदु समुदाय डरा हुआ है। बड़ी संख्या में सिखों और हिंदुओं ने देश छोड़ने का फैसला कर लिया है। तीन सालों में काफी पीड़ितों ने भारत से शरण मांगी है।