25 मार्च से गुरुवार, 2 अप्रैल तक चैत्र मास की नवरात्रि है। इन दिनों में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। पहले दिन शैलपुत्री, दूसरे ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कुष्मांडा, पांचवें दिन स्कंदमाता, छठे दिन कात्यायनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी, नवें दिन सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार नवरात्रि में राशि अनुसार भी देवी मां की पूजा की जा सकती है। जानिए मेष से मीन तक, सभी 12 राशियों के लिए कौन सी देवी की पूजा करना श्रेष्ठ रहता है…
मेष राशि – इस राशि के लोगों को स्कंद माता की विशेष पूजा करनी चाहिए। दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
वृषभ राशि- ये लोग महागौरी स्वरूप की पूजा करें। ललिता सहस्रनाम का पाठ करें। नवरात्रि में कन्या भोज करवाएं।
मिथुन राशि – इस राशि के लोग देवी यंत्र स्थापित करें और मां ब्रह्मचारिणी की विशेष पूजा करें। नवरात्रि में तारा कवच का रोज पाठ करें।
कर्क राशि – इस राशि के लोग माता शैलपुत्री की पूजा करें। लक्ष्मी सहस्रनाम का पाठ करें।
सिंह राशि – सिंह राशि वालों को मां कूष्मांडा की पूजा करनी चाहिए। दुर्गा मंत्रों का जाप करें। नवरात्रि में बुरी आदतें छोड़ने का संकल्प लें।
कन्या राशि – ये लोग मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करें। लक्ष्मी मंत्रों का जाप करें।
तुला राशि – तुला राशि के लोग देवी महागौरी की पूजा करें और काली चालीसा या सप्तशती के प्रथम चरित्र का पाठ करें।
वृश्चिक राशि – इस राशि के लोग स्कंदमाता की पूजा करें। नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना शुभ रहता है।
धनु राशि – ये लोग मां चंद्रघंटा की पूजा करें। किसी माता मंदिर में घंटे का दान करें। देवी मंत्रों का जाप करें।
मकर राशि – मकर राशि के लोग मां कालरात्रि की पूजा करें। देवी मंत्रों का जाप करें। नवरात्रि के अंतिम दिन हवन करें।
कुंभ राशि – ये लोग देवी कालरात्रि की उपासना करें। देवी कवच का पाठ करें। छोटी कन्याओं को उपहार दें।
मीन राशि – मीन राशि के लोगों को मां चंद्रघंटा की पूजा करनी चाहिए। हल्दी की माला से देवी मंत्रों का जाप करें।