श्रीनगर।भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से पिछले करीब तीन साल तक सत्ता में रहने के बाद बीजेपी के अलग होने से इस साल जून में सरकार गंवा चुकी जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उन्हें और उनकी पार्टी को काफी नुकसान पहुंचा है।
‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ को दिए इंटरव्यू में महबूबा से जब यह पूछा गया कि क्या गठबंधन टूटने से उन्हें और उनकी पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ है? उन्होंने कहा- “निश्चित तौर पर, मैने किया। हमें लोगों के गुस्से का शिकार होने पड़ा। जिस वक्त मैं विपक्ष में थी लोगों का प्यार और उनका स्नेह मेरे साथ था। लेकिन जब बीजेपी के साथ गठबंधन किया तो लोगों वह लोगों का प्यार गुस्सा और नफरत में बदल गया।”
मार्च 2015 के विधानसभा चुनाव में किसी एक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के बाद महबूबा के पिता की अगुवाई में राज्य में बीजेपी और पीडीपी के बीच गठबंधन हुआ। लेकिन, हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी बुरहान वानी की मौत से पहले जनवरी 2016 में मुफ्ती सईद का निधन हो गया। हिजबुल पोस्टर ब्वॉय की एनकाउंटर के बाद घाटी में जमकर हिंसा हुई और इस घटना में कम से कम 100 लोगों की जान चली गई।
59 वर्षीय महबूबा ने कहा कि बीजेपी के पास पूर्व प्रधानंमत्री अटल बिहार वाजपेयी की दूरदर्शिता की कमी थी। जिन्हें कश्मीरियों तक 90 और 2000 की शुरुआत में पहुंचने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने कहा- “हमने काफी बढ़चढ़ कर सोच लिया। वाजपेयी के वक्त से इतने प्रभावित थे कि सोचा वहीं मौजूदा केन्द्रीय नेतृत्व में होगा। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ क्योंकि बीजेपी की सोच अलग थी।”
महबूबा मुफ्ती ने कहा- बीजेपी अपने वादों पर नहीं टिकी
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